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पहली तिमाही में पैसेंजर गाड़ियों की बिक्री 1 करोड़ के पार, एक्सपोर्ट में भी जबरदस्त उछाल

भारत की ऑटो इंडस्ट्री के लिए Q1 मिला-जुला रहा. जहां एक तरफ पैसेंजर गाड़ियों और एक्सपोर्ट में शानदार ग्रोथ दिखी, वहीं टू-व्हीलर और कमर्शियल सेगमेंट में कुछ गिरावट भी दर्ज हुई. अब नजर Q2 पर है, जहां त्योहारों और ग्रामीण डिमांड से इंडस्ट्री को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है.

पहली तिमाही में पैसेंजर गाड़ियों की बिक्री 1 करोड़ के पार, एक्सपोर्ट में भी जबरदस्त उछाल
SIAM के मुताबिक, Q1 में पैसेंजर व्हीकल एक्सपोर्ट 2.04 लाख यूनिट रहा, जो अब तक का सबसे ज्यादा Q1 एक्सपोर्ट है. इसमें 13.2% की बढ़त दर्ज की गई है.
नई दिल्ली:

अप्रैल से जून तक की पहली तिमाही (Q1) में भारत में पैसेंजर व्हीकल यानी कार और SUV की बिक्री 1 करोड़ यूनिट के पार रही. यह लगातार दूसरी बार है जब किसी Q1 में इतनी ज्यादा बिक्री हुई है. वहीं एक्सपोर्ट यानी गाड़ियों के विदेश भेजे जाने के आंकड़ों में भी रिकॉर्डतोड़ बढ़त देखने को मिली है.

गाड़ियों की बिक्री 1 करोड़ के पार

2025-26 की पहली तिमाही में भारत में 1.01 मिलियन यानी करीब 1 करोड़ 1 लाख पैसेंजर गाड़ियां बिकीं. ये आंकड़ा पिछली बार से थोड़ा कम जरूर है, लेकिन अब भी 1 करोड़ का आंकड़ा पार करना इंडस्ट्री के लिए पॉजिटिव संकेत है. हालांकि, तिमाही के आखिरी हिस्से में बिक्री थोड़ी कम रही, जिससे पिछले साल के मुकाबले 1.4% की हल्की गिरावट दर्ज हुई.

रिकॉर्डतोड़ एक्सपोर्ट, मिडिल ईस्ट और जापान से अच्छी डिमांड

SIAM के मुताबिक, Q1 में पैसेंजर व्हीकल एक्सपोर्ट 2.04 लाख यूनिट रहा, जो अब तक का सबसे ज्यादा Q1 एक्सपोर्ट है. इसमें 13.2% की बढ़त दर्ज की गई है. मिडिल ईस्ट, लैटिन अमेरिका, श्रीलंका, नेपाल और जापान जैसे देशों से डिमांड बढ़ी है. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के चलते भी एक्सपोर्ट में तेजी आई है.

टू-व्हीलर एक्सपोर्ट में जबरदस्त उछाल, घरेलू बिक्री में गिरावट

Q1 में टू-व्हीलर यानी बाइक और स्कूटर के एक्सपोर्ट में 23.2% की ग्रोथ हुई और कुल 1.14 मिलियन यूनिट विदेश भेजी गईं. घरेलू बाजार में इस सेगमेंट की बिक्री 6.2% घटी है, जिसकी वजह इंडस्ट्री में इन्वेंट्री करेक्शन को बताया जा रहा है. हालांकि, शादी के सीजन और पॉजिटिव सेंटिमेंट की वजह से टू-व्हीलर की रिटेल रजिस्ट्रेशन में 5% की बढ़ोतरी जरूर हुई है. स्कूटर सेगमेंट की हिस्सेदारी भी 2.15% बढ़ी है.

थ्री-व्हीलर सेगमेंट में ऑल टाइम हाई, पैसेंजर कैरियर की डिमांड बढ़ी

थ्री-व्हीलर की Q1 सेल 1.65 लाख यूनिट रही, जो अब तक की सबसे ज्यादा है. खासकर पैसेंजर कैरियर की डिमांड बढ़ने से यह ग्रोथ हुई है. साथ ही, शहरों में इंट्रासिटी ट्रांसपोर्ट और कम वजन वाले माल की डिलीवरी के लिए कार्गो थ्री-व्हीलर की डिमांड भी लगातार बढ़ रही है. आसान फाइनेंसिंग विकल्पों ने भी इस ग्रोथ में मदद की है.

कॉमर्शियल व्हीकल एक्सपोर्ट में बढ़त, घरेलू बिक्री थोड़ी घटी

कॉमर्शियल व्हीकल एक्सपोर्ट में 23.4% की ग्रोथ दर्ज की गई और करीब 20 हजार यूनिट विदेश भेजी गईं. हालांकि, भारत में इनकी कुल बिक्री 0.6% घटी है. लेकिन इस सेगमेंट में पैसेंजर व्हीकल्स की बिक्री में ग्रोथ हुई है, जो पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए एक अच्छा संकेत है.

फेस्टिव सीजन और अच्छी बारिश से रिकवरी की उम्मीद

SIAM का कहना है कि सेकेंड क्वार्टर यानी जुलाई से सितंबर के बीच ऑटो इंडस्ट्री की उम्मीदें बनी हुई हैं. त्योहारों का सीजन आमतौर पर गाड़ियों की बिक्री बढ़ाता है. इसके अलावा अच्छी मानसून बारिश से गांवों में इनकम बढ़ने की उम्मीद है, जिससे टू-व्हीलर और एंट्री लेवल कारों की डिमांड को फायदा मिल सकता है.

RBI की तरफ से रेपो रेट घटाने से गाड़ियों की बिक्री को मिलेगा बूस्ट?

RBI की तरफ से पिछले 6 महीने में 100 बेसिस प्वाइंट की ब्याज दर कटौती हुई है, जिससे ऑटो लोन सस्ते हुए हैं. इससे आने वाले महीनों में गाड़ियों की बिक्री को बूस्ट मिल सकता है.हालांकि, सप्लाई साइड में एक नई चिंता उभर रही है. चीन ने हाल ही में रेयर अर्थ मैग्नेट के एक्सपोर्ट पर लाइसेंसिंग की जरूरत बना दी है. इससे गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाले कुछ जरूरी पार्ट्स की सप्लाई पर असर पड़ सकता है.

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