
सरकार लगातार बैंकिंग सिस्टम को मजबूत कर रही है और लोन डिफॉल्टर्स (Loan Defaulters) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने संसद में साफ कर दिया है कि सरकार उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखेगी, जिन्होंने बैंकों से लोन (Bank Loan) लिया और चुकाए बिना विदेश भाग गए. उन्होंने बताया कि अब तक ऐसे मामलों में 749.83 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है.
वित्त मंत्री ने यह साफ कर दिया है कि किसी भी घोटालेबाज को बख्शा नहीं जाएगा और देश के बैंकिंग सेक्टर (Banking Sector) को और मजबूत बनाने के लिए सुधार किए जाते रहेंगे.
बैंकिंग सुधार और एनपीए में गिरावट
वित्त मंत्री ने कहा कि 2014 में बैंकों पर बहुत दबाव था. बैंकों की हालत खराब थी.भारत को पांच कमजोर अर्थव्यवस्था में माना जाता था. लेकिन सरकार के कई महत्वपूर्ण कदमों के चलते अब स्थिति काफी बेहतर हो गई है. सरकार ने बैंक के हालात सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण उपाय किए. सितंबर 2024 तक सरकारी बैंकों का ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) घटकर 2.5% रह गया है, जो पहले काफी ज्यादा था.
सरकारी बैंकों ने रिकॉर्ड मुनाफा कमाया
उन्होंने बताया कि सरकारी बैंकों ने पिछले वित्त वर्ष में 1.41 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया, जो अब तक का सबसे ज्यादा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस साल बैंक और भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे.
लोन डिफॉल्टर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
वित्त मंत्री ने विपक्ष के उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया, जिनमें कहा जा रहा था कि सरकार ने लोन डिफॉल्टर्स का लोन माफ कर दिया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि इन लोन को माफ नहीं किया गया, बल्कि 'राइट ऑफ' किया गया है, यानी बैंकों ने इन्हें अपनी बैलेंस शीट से हटा दिया, लेकिन उनकी वसूली के प्रयास जारी हैं.
ईडी ने वसूले 22,280 करोड़ रुपये
उन्होंने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने करीब 22,280 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर इसे कानूनी प्रक्रिया के तहत सही दावेदारों को सौंपा है...भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के तहत कार्रवाई.31 दिसंबर 2024 तक 9 लोगों को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया है और उनकी 749.83 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार इस तरह के मामलों में सख्ती से कार्रवाई कर रही है और किसी को भी बचने नहीं दिया जाएगा.
छोटे किसानों को भी हुआ फायदा
निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार की डायरेक्ट कैश ट्रांसफर नीति का सबसे ज्यादा फायदा छोटे किसानों को हुआ है. उन्होंने यह भी कहा कि पहले की सरकारों में मनरेगा, किसान लोन माफी और खाद्य सुरक्षा योजनाओं में भ्रष्टाचार था, लेकिन मौजूदा सरकार ने इसे पारदर्शिता के साथ लागू किया है.
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