विज्ञापन

Trump Tariffs: अमेरिकी टैरिफ का भारत पर असर न के बराबर, SBI की रिपोर्ट में खुलासा

India-US Reciprocal Tariffs: यूएस रेसिप्रोकल टैरिफ 2 अप्रैल से लागू होने की संभावना है. इस बीच भारत वैकल्पिक रास्ते तलाश रहा है और यूरोप से लेकर मध्य पूर्व के माध्यम से अमेरिका तक नए व्यापार मार्गों पर काम कर रहा है .

Trump Tariffs: अमेरिकी टैरिफ का भारत पर असर न के बराबर, SBI की रिपोर्ट में खुलासा
Trump Tariff impact on India: रिपोर्ट के मुताबिक, भारत पिछले सप्ताह अमेरिका द्वारा लगाए गए एल्यूमीनियम और स्टील टैरिफ का भी लाभ उठा सकेगा.
नई दिल्ली:

एसबीआई रिसर्च (SBI Research) की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक,अमेरिका के ट्रेड रेसिप्रोकल टैरिफ (US Trade Reciprocal Tariff) का भारत पर न के बराबर असर पड़ेगा.  इसका मुख्य कारण यह है कि भारत  अपने निर्यात में विविधता ला चुका है साथ ही मूल्य संवर्धन (Value Addition) पर जोर दिया जा रहा है. इसके अलावा, भारत वैकल्पिक रास्ते तलाश रहा है और यूरोप से लेकर मध्य पूर्व के माध्यम से अमेरिका तक नए व्यापार मार्गों पर काम कर रहा है .साथ ही, नए सप्लाई चेन एल्गोरिदम को फिर से तैयार कर रहा है और इसे बेहतर बना रहा है.

निर्यात में मामूली गिरावट की संभावना

सोमवार, 17 मार्च को जारी एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में बताया गया कि भारत के कुल निर्यात में 3-3.5% तक की गिरावट हो सकती है. हालांकि, इसे मैन्युफैक्चरिंग (Manufacturing Sector) और सर्विस सेक्टर (Service Sector) दोनों में उच्च निर्यात लक्ष्यों के जरिए सुधारा जाना चाहिए.

अमेरिकी टैरिफ का भारत को हो सकता है फायदा

भारत पिछले सप्ताह अमेरिका द्वारा लगाए गए एल्यूमीनियम और स्टील टैरिफ (Aluminum and Steel Tariff) का भी लाभ उठा सकेगा. रिपोर्ट के मुताबिक,  भारत का अमेरिका के साथ एल्यूमीनियम व्यापार के लिए 13 मिलियन डॉलर और स्टील व्यापार के लिए 406 मिलियन डॉलर का व्यापार घाटा है, जिसे भारत अपन पक्ष में मोड़ सकता है. यानी भारत संभावित रूप से लाभ उठा सकता है.

2 अप्रैल से लागू होंगे नए टैरिफ

यूएस रेसिप्रोकल टैरिफ (US Reciprocal Tariff) 2 अप्रैल से लागू होने की संभावना है .भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय वार्ता जारी है .केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले सप्ताह कहा था कि उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement - BTA) पर अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर (Jamieson Greer)के साथ चर्चा की.

इंडिया फर्स्ट' पॉलिसी के तहत हो रही चर्चा

केंद्रीय मंत्री गोयल ने ग्रीर के साथ इस बैठक की एक तस्वीर अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल से शेयर की .उन्होंने कहा कि भारत की नीति ‘इंडिया फर्स्ट' (India First) और ‘विकसित भारत' (Developed India) के विजन पर आधारित होगी. इससे पहले, अमेरिका दौरे के दौरान उन्होंने अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक (Howard Lutnick) से भी मुलाकात की थी.

इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक पारस्परिक रूप से लाभकारी, बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के पहले चरण पर बातचीत की.

एफटीए से भारत को मिलेगा फायदा

एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत मुफ्त व्यापार समझौतों (Free Trade Agreements - FTA) के जरिए घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने को लेकर बात कर रहा है. पिछले 5 वर्षों में भारत ने मॉरीशस, यूएई, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ 13 एफटीए पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके अलावा, भारत यूके (UK), कनाडा (Canada), यूरोपीय संघ (European Union - EU) के साथ भी एफटीए को लेकर चर्चा कर रहा है.

डिजिटल व्यापार को मिलेगा बढ़ावा

भारत ने पिछले पांच वर्षों में मॉरीशस, यूएई, ऑस्ट्रेलिया आदि जैसे अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ 13 एफटीए पर हस्ताक्षर किए हैं.देश यूके, कनाडा और यूरोपीय संघ के साथ भी एफटीए पर बातचीत कर रहा है, जिसमें सेवाओं, डिजिटल व्यापार और सस्टेनेबल डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों को टारगेट किया गया है.

भारत और न्यूजीलैंड ने भी एक व्यापक और पारस्परिक रूप से लाभकारी एफटीए के लिए बातचीत शुरू करने की घोषणा की है. अकेले ब्रिटेन के साथ एफटीए से 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार में 15 बिलियन डॉलर की वृद्धि होने की उम्मीद है. रिपोर्ट के अनुसार, भविष्य के एफटीए  (FTA) संभवतः डिजिटल व्यापार को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे. अनुमानों के मुताबिक, डिजिटल अर्थव्यवस्था 2025 (Digital Economy) तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 1 ट्रिलियन  डॉलर का योगदान दे सकती है.
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: