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भारत का सबसे बड़ा IPO : हुंडई के IPO को SEBI की मंज़ूरी, ₹25,056 करोड़ जुटाने की योजना

जुटाई जाने वाली रकम के हिसाब से हुंडई का IPO भारत का सबसे बड़ा IPO हो सकता है. LIC का IPO अभी तक सबसे बड़ा रहा है, जिसका आकार लगभग ₹21,000 करोड़ का था. इस ऑफ़र में कंपनी के 17.5 फ़ीसदी या 14.2 करोड़ शेयर जारी किए जाएंगे.

भारत का सबसे बड़ा IPO : हुंडई के IPO को SEBI की मंज़ूरी, ₹25,056 करोड़ जुटाने की योजना
हुंडई इंडिया IPO के ज़रिये 3 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹25,056 करोड़) जुटाने वाली है...
नई दिल्ली:

हुंडई मोटर इंडिया (Hyundai Motor India) के बहुप्रतीक्षित IPO के लिए SEBI से मंज़ूरी मिल गई है. Hyundai IPO भारत का सबसे बड़ा IPO हो सकता है. समाचार एजेंसी रॉयटर ने मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों के हवाले से यह ख़बर दी है. कंपनी ने जून में SEBI में IPO के लिए DRHP दाखिल किया था.

इन्‍होंने पहले एजेंसी को बताया था कि हुंडई इंडिया लगभग 20 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹1,67,042 करोड़) की वैल्‍यूएशन पर IPO के ज़रिये 3 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹25,056 करोड़) जुटाने वाली है. हुंडई इंडिया ने ख़बर प्रकाशित किए जाने तक टिप्‍पणी के आग्रह का उत्तर नहीं दिया है.

मारुति के बाद अब हुंडई

साउथ कोरियाई ऑटोमेकर कंपनी पिछले दो दशक में भारत में पब्लिक होने वाली पहली कार-मेकर कंपनी होगी. बीते दो दशक से कोई भी कार बनाने वाली कंपनी भारत में IPO लेकर नहीं आई, और मारुति के बाद IPO लाने वाली हुंडई पहली कंपनी होगी. मारुति वर्ष 2003 में IPO लाई थी. Maruti Suzuki India तब Maruti Udyog Ltd के नाम से लिस्ट हुई थी.

भारत का सबसे बड़ा IPO हो सकता है हुंडई IPO

जुटाई जाने वाली रकम के हिसाब से हुंडई का IPO भारत का सबसे बड़ा IPO हो सकता है. LIC का IPO अभी तक सबसे बड़ा रहा है, जिसका आकार लगभग ₹21,000 करोड़ का था. इस ऑफ़र में कंपनी के 17.5 फ़ीसदी या 14.2 करोड़ शेयर जारी किए जाएंगे. यह पूरी तरह OFS, यानी ऑफ़र फ़ॉर सेल होगा. IPO के लिए सिटी, HSBC, कोटक, मॉर्गन स्टैनली मर्चेंट बैंकर होंगे. इसके लिए इन्वेस्टर रोडशो अगस्त में शुरू किए जा सकते हैं.

हुंडई है दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी

हुंडई 15 फ़ीसदी मार्केट शेयर के साथ दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी है. देखने वाली बात यह है कि हुंडई ने भारतीय उपभोक्ताओं को कितना बेहतर समझा है. विदेशी कंपनी होने के बावजूद वह भारत के कार मार्केट में टिकी, और मारुति जैसी कंपनी को टक्कर देती रही. कई दूसरी विदेशी कंपनियां, जैसे - फ़ोर्ड मोटर्स और जनरल मोटर्स दुनिया में तो दबदबा कायम रखने में कामयाब रहीं, लेकिन दुनिया के तीसरे सबसे बड़े कार बाज़ार भारत में नहीं टिक पाईं और बाहर हो गईं.

भारत की नब्ज़ को समझा हुंडई ने

भारत में हुंडई के पैर किस कदर मज़बूती से जमे हुए हैं, इसे इस तथ्य से समझा जा सकता है कि भारत में बिकने वाली हर चौथी कार हुंडई की होती है. दरअसल, अप्रैल महीने में हुंडई ने भारत में लगभग उतनी ही कारें बेचीं, जितनी अपने देश दक्षिण कोरिया में बेचीं. दक्षिण कोरिया में इसने 4.4 फ़ीसदी सालाना गिरावट के साथ 63,733 कारें बेचीं, जबकि भारत में कुल 63,701 कारें बेचीं. इनमें 50,201 कारों की बिक्री घरेलू रही, जबकि 13,500 कारों को एक्सपोर्ट किया गया.

भारत में क्‍या है हुंडई का प्‍लान...?

हुंडई के लिए अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बाद भारत तीसरा सबसे बड़ा रेवेन्‍यू जेनरेटर है. कंपनी ने यहां करीब 5 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹41,761 करोड़) का निवेश किया है, जबकि अगले 10 साल में और 4 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹33,408 करोड़) का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है.

हुंडई इंडिया अपनी SUV लाइनअप का विस्तार कर टाटा मोटर्स जैसे तेज़ी से बढ़ते घरेलू प्रतिद्वंद्वियों से मार्केट शेयर हासिल करना चाहती है. मामले की जानकारी रखने वाले तीन सूत्रों ने पहले रॉयटर को बताया था कि कंपनी अगले साल की शुरुआत में अपना पहला मेड इन इंडिया इलेक्ट्रिक वाहन (EV) लॉन्च करने की योजना बना रही है. साथ ही वर्ष 2026 से बाज़ार के लिए तैयार कम से कम दो गैसोलीन-संचालित मॉडल पेश करने का भी प्‍लान है.

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