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अदाणी पावर को मध्य प्रदेश की धीरौली खदान में ऑपरेशन शुरू करने की मिली मंजूरी

धीरौली खदान अदाणी पावर की पहली कैप्टिव खदान है जिसे संचालन के लिए सरकार से मंजूरी मिली है. यहां से मिलने वाला कोयला कंपनी की बिजली की जरूरतों को पूरा करेगा और साथ ही पास के 1200 मेगावाट के महान पावर प्लांट को भी सप्लाई किया जाएगा.

अदाणी पावर को मध्य प्रदेश की धीरौली खदान में ऑपरेशन शुरू करने की मिली मंजूरी
Adani Power की योजना वित्त वर्ष 2027 तक ओपन कास्ट माइनिंग की पूरी क्षमता यानी 5 मिलियन टन प्रति वर्ष हासिल करने की है.
नई दिल्ली:

अदाणी पावर को मध्य प्रदेश की धीरौली कोयला खदान में ऑपरेशन शुरू करने की मंजूरी मिल गई है. यह कदम कंपनी की ईंधन सुरक्षा को मजबूत करेगा और आने वाले सालों में बिजली की सप्लाई को स्थिर बनाएगा. इस खदान से न सिर्फ कंपनी की जरूरतें पूरी होंगी बल्कि आसपास के पावर प्लांट को भी फायदा मिलेगा.

धीरौली खदान से मिलेगी ईंधन सुरक्षा

देश की सबसे बड़ी निजी थर्मल पावर उत्पादक कंपनी अदाणी पावर लिमिटेड ने मंगलवार,2 सितंबर को बताया कि उसे कोयला मंत्रालय से सिंगरौली जिले की धीरौली खदान में ऑपरेशन शुरू करने की मंजूरी मिल गई है. इस खदान का स्वामित्व अदाणी पावर की सहायक कंपनी महान एनर्जेन लिमिटेड के पास है. खदान की सालाना अधिकतम उत्पादन क्षमता 6.5 मिलियन टन है. इसमें से 5 मिलियन टन ओपन कास्ट खनन से और बाकी भूमिगत खनन से निकलेगा.

खदान में विशाल भंडार

भूवैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार, धीरौली खदान में 558 मिलियन टन से ज्यादा का कोयला भंडार है. इसका मतलब है कि यह खदान कई दशकों तक ईंधन सुरक्षा और कंपनी के ऑपरेशंस को स्थिरता देगी.

कंपनी की भविष्य की योजना

अदाणी पावर की योजना वित्त वर्ष 2027 तक ओपन कास्ट माइनिंग की पूरी क्षमता यानी 5 मिलियन टन प्रति वर्ष हासिल करने की है. भूमिगत खनन की शुरुआत करीब नौ साल बाद होगी. कंपनी ने बताया कि इस ब्लॉक के लिए उसके पास 30 साल का खनन पट्टा है, जिससे लंबे समय तक संचालन सुनिश्चित रहेगा.

धीरौली में खनन शुरू होना एक बड़ा माइलस्टोन:  सीईओ

कंपनी के सीईओ एसबी ख्यालिया ने कहा कि धीरौली में खनन शुरू होना अदाणी पावर की आत्मनिर्भरता और सतत विकास की दिशा में एक अहम मील का पत्थर है. उन्होंने कहा कि कच्चे माल की सप्लाई में बैकवर्ड इंटीग्रेशन से लागत कम होगी और करोड़ों उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मिल सकेगी.

अदाणी पावर ने कहा कि खदान क्षेत्र के भीतर ही कोयले की धुलाई और प्रोसेसिंग की जाएगी ताकि अशुद्धियां कम हों और उत्सर्जन न्यूनतम रहे. इससे खनन का पर्यावरण पर असर कम होगा.

पहली कैप्टिव खदान को मंजूरी

धीरौली खदान अदाणी पावर की पहली कैप्टिव खदान है जिसे संचालन के लिए सरकार से मंजूरी मिली है. यहां से मिलने वाला कोयला कंपनी की बिजली की जरूरतों को पूरा करेगा और साथ ही पास के 1200 मेगावाट के महान पावर प्लांट को भी सप्लाई किया जाएगा. कंपनी इस पावर प्लांट की क्षमता को 3200 मेगावाट तक बढ़ा रही है.

धीरौली खदान का ऑपरेशन शुरू होना सिर्फ अदाणी पावर के लिए ही नहीं बल्कि बिजली उपभोक्ताओं के लिए भी बड़ी खबर है, क्योंकि इसका सीधा असर आने वाले समय में बिजली की लागत और सप्लाई पर पड़ेगा.
 

(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)

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