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Adani Green Talks 2025: सपनों को लगे पंख, पढ़िए शतरंज सनसनी प्रज्ञानंद की प्रेरणा से भरी कहानी

Adani Green Talks 2025: अदाणी ग्रुप के चीफ ट्रांसफॉर्मेशन ऑफिसर सुदीप्त भट्टाचार्य ने अदाणी परिवार और चेयरमैन गौतम अदाणी की सोच सिर्फ बिजनेस तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज को जोड़ने और लोगों के जीवन में बदलाव लाने की भी है. यही सोच ग्रीन टॉक्स की नींव बनी.

Adani Green Talks 2025: सपनों को लगे पंख, पढ़िए शतरंज सनसनी प्रज्ञानंद की प्रेरणा से भरी कहानी
Gautam Adani With R Praggnanandhaa: जब प्रज्ञानंद अपने माता-पिता और कोच के साथ आए, तो चेयरमैन गौतम अदाणीने उनसे एक ही सवाल किया – आपको क्या चाहिए? (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

अदाणी ग्रीन टॉक्स 2025 के चौथे एडीशन में अदाणी ग्रुप के चीफ ट्रांसफॉर्मेशन ऑफिसर सुदीप्त भट्टाचार्य ने एक ऐसी कहानी साझा की, जो दिखाती है कि कैसे एक छोटा सपना पूरे देश के लिए प्रेरणा बन सकता है.सुदीप्त भट्टाचार्य ने कहा कि अक्सर अदाणी ग्रुप को सिर्फ एक कैपिटलिस्टिक यानी बिजनेस सेंट्रिक ऑर्गेनाइजेशन के रूप में देखा जाता है. लोग मानते हैं कि ग्रुप जिस भी बिजनेस में जाता है, वहां नंबर वन हो जाता है. लेकिन इसके साथ एक खास बात लोग भूल जाते हैं और वह है  इसका सामाजिक पहल. 

उन्होंने कहा कि अदाणी परिवार और चेयरमैन गौतम अदाणी की सोच सिर्फ बिजनेस तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज को जोड़ने और लोगों के जीवन में बदलाव लाने की भी है. यही सोच ग्रीन टॉक्स की नींव बनी.

प्रज्ञानंद की कहानी

सुदीप्त भट्टाचार्य ने बताया कि कुछ साल पहले चेयरमैन गौतम अदाणी ने उनसे कहा कि उन्होंने एक युवा शतरंज खिलाड़ी प्रज्ञानंद के बारे में सुना है. उस वक्त प्रज्ञानंद की रैंक दुनिया में 14 थी. चेयरमैन ने पूछा कि क्यों न उसे और उसके परिवार को बुलाया जाए.

जब प्रज्ञानंद अपने माता-पिता और कोच के साथ आए, तो चेयरमैन ने उनसे एक ही सवाल किया – आपको क्या चाहिए? यह इसलिए नहीं था कि खिलाड़ी ने खुद मदद मांगी थी, बल्कि इसलिए कि गौतम अदाणी को विश्वास था कि यह युवा देश के लाखों बच्चों के लिए प्रेरणा बन सकता है.

उस वक्त प्रज्ञानंद सिर्फ 18 साल के थे. उनका बैकग्राउंड भी बेहद साधारण था. उनकी मां ज्यादा अंग्रेजी नहीं बोलती थीं, लेकिन बेटे के साथ दुनिया घूम रही थीं. उनके पिता शारीरिक रूप से दिव्यांग थे. ऐसे माहौल से निकलकर एक बच्चा दुनिया के शतरंज के मंच पर पहुंच रहा था  यह अपने आप में असाधारण था.

आज प्रज्ञानंद दुनिया के नंबर 3 शतरंज खिलाड़ी 

आज वही प्रज्ञानंद दुनिया में नंबर 3 पर पहुंच चुके हैं और उन्हें आने वाले समय में दुनिया का नंबर वन शतरंज खिलाड़ी के रूप में देखा रहा है. उनकी इस उपलब्धि ने पूरे देश की एक नई पीढ़ी को प्रेरित किया है.

सुदीप्त भट्टाचार्य ने कहा कि यह कहानी इसलिए भी अहम है क्योंकि यह दिखाती है कि अदाणी ग्रुप सिर्फ बिजनेस के बारे में नहीं सोचता. भारत जैसे 1.4 अरब की आबादी वाले देश में हमें ऐसे प्लेटफॉर्म चाहिए जो लोगों के दिल और दिमाग तक पहुंचे, जो नए सपनों को जन्म दें और उन सपनों को साकार करने का रास्ता दिखाएं.

ग्रीन टॉक्स का मकसद यही है  कि छोटे-छोटे विचारों और कहानियों को सामने लाना जो समाज में बड़ा बदलाव लाने की ताकत रखते हैं.

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