
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यानी गुरुवार को संसद में अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में पिछले 10 साल में गहरा सकारात्मक परिवर्तन देखा गया है.वित्त मंत्री ने अपने चुनाव पूर्व बजट में कहा कि भारत के लोग आशा और विकल्पों के साथ भविष्य की ओर देख रहे हैं. यह चुनाव-पूर्व बजट तकनीकी रूप से लेखानुदान है.उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने समावेश के सभी पहलुओं का ध्यान रखा.
वित्त मंत्री ने कहा कि संरचनात्मक सुधारों, जन-समर्थक कार्यक्रमों और रोजगार के अवसरों ने अर्थव्यवस्था को नई ताकत देने में मदद की. वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 5.8 प्रतिशत की गिरावट के बाद 2021-22 में हमने 9.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की. उन्होंने कहा कि साल 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई तो भारत भारी चुनौतियों का सामना कर रहा था. सरकार ने सही मायने में उनपर काबू पाया. सरकार ने जीडीपी को 'गवर्नमेंट, डेवलपमेंट और परफॉर्मेंस' का नया अर्थ दिया है. हम 2047 तक विकसित भारत के लिए काम कर रहे हैं.
वित्त मंत्रालय ने अपनी नवीनतम मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अगले तीन साल में मौजूदा 3.7 लाख करोड़ डॉलर से पांच लाख करोड़ डॉलर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी.
इसमें यह भी कहा गया है कि भारत अगले छह से सात वर्षों में (2030 तक) सात लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा रख सकता है.
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