Union Budget 2022 : आम बजट (Union Budget) पर पूरे देश की नजर रहती है. बजट की घोषणाएं, राहत वगैरह में लगभग सभी की नजरें रहती हैं. लेकिन कुछ छोटी-छोटी सी दिलचस्प चीजें भी होती हैं, जिनपर हमारा ध्यान जरूर जाता है. यहां हम बजट को पेश करने के सरकार के अंदाज की बात कर रहे हैं. खासकर, पिछले कुछ सालों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट को कैसे कैरी किया है, इसपर खूब चर्चा हुई है. और ये दिलचस्प बात भी है कि पिछले तीन सालों में आम बजट ने ब्रीफकेस से लेकर बहीखाते और फिर डिजिटल रूप टैबलेट तक का सफर पूरा कर लिया है.
देश में साल 2018 तक वित्तमंत्री बजट की अपनी प्रति यानी कॉपी एक ब्रीफकेस में लेकर संसद पहुंचते थे. हालांकि, इस बीच कुछ-कुछ सालों में एक-दो अपवाद भी दिखे. 1947 में भारत के पहले वित्तमंत्री आरके शानमुखम चेट्टी ने चमड़े के पोर्टफोलियो बैग में बजट कैरी किया था. उसके बाद 1970 के आसपास इसकी जगह एक हार्डबाउंड बैग ने ले ली, जिसका रंग वक्त-वक्त पर बदलता रहा.
2019 में बदल गई परंपरा...
लेकिन 2019 में अपना पहला बजट पेश करने के साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये परंपरा बदल दी. वो उस साल का बजट बहीखाते में लेकर पहुंचीं. बजट की उनकी प्रति पारंपरिक तौर पर इस्तेमाल होने वाले लाल रंग के बहीखाते में लिपटी हुई थी. उनके इस कदम की खूब चर्चा हुई थी. इसके साथ ही सरकार का संदेश था कि वो ब्रीफकेस के औपनिवेशिक व्यवहार को त्याग कर स्वदेशी बहीखाते की परंपरा शुरू कर रही है. दरअसल, ब्रीफकेस लाने का चलन ब्रिटिश वित्त मंत्रियों के बजट पेश करने के दौरान लेने वाले Gladstone Box जैसा था, जबकि देश में छोटे-बड़े व्यापारियों के बीच सदियों से बहीखाता इस्तेमाल करने की परंपरा रही है.
2020 में भी वित्तमंत्री सीतारमण ने बहीखाते में ही बजट पेश किया था.
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लेकिन 2021 में बजट को एक नए रूप में पेश किया गया. देश कोविड-19 की पहली लहर से गुजर चुका था और संक्रमण के मामले सामने आने जारी थे. ऐसे में कोविड-19 प्रोटोकॉल और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, साथ ही पीएम मोदी के 'डिजिटल इंडिया' अभियान को एक पुश देते हुए वित्त मंत्री ने अपना बजट टैबलेट में पेश किया. बताया गया कि सरकार ने आत्मनिर्भर भारत का संदेश देने के लिए 'मेड इन इंडिया टैबलेट' से बजट पेश किया था.
पिछले साल सरकार ने पहली बार बजट से जुड़ा ऐप "Union Budget Mobile App" लॉन्च किया. इससे सांसदों-नेताओं के साथ-साथ आम जनता के लिए भी बजट के दस्तावेजों तक पहुंच आसान हुई है.
इस बार भी डिजिटल ही है बजट
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण डिजिटल बजट ही पेश कर रही हैं. डिजिटल बजट में सरकार बस एक ही टैबलेट में अपनी प्रति रखती है और सांसदों को भी बजट की प्रति नहीं जारी की जाती है. उनको भी डिजिटली ही एक्सेस करना होता है. बजट का ऐप भी है, जहां कोई भी बजट सत्र देख सकता है. बजट ऐप लोकसभा में बजट पेश हो जाने के बाद से लाइव हो जाएगा और एक्सेस के लिए उपलब्ध रहेगा.
हालांकि, सोमवार को सूत्रों के हवाले से खबर मिली थी कि सारे सांसद बजट के बस डिजिटल वर्जन में होने को लेकर ही खुश नहीं है. कुछ सांसदों ने मांग की है कि उन्हें बजट की हार्ड कॉपी भी दी जाए. जानकारी मिली कि सोमवार को हुई बिजनेस एडवाइजरी कमिटी में भी ये मांग उठाई गई है और कहा गया है कि वो बजट का बस डिजिटल वर्जन ही उपलब्ध होने से सहज नहीं हैं. बता दें कि इकोनॉमिक सर्वे भी इस बार बस डिजिटली ही पेश किया गया है.
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