नोटबंदी और कैश क्रंच से जूझ रहे आप और हम सरकार की महत्वाकांक्षी कैशलेस इकॉनमी (नकदीरहित अर्थव्यवस्था) की ओर कदम बढ़ाते समय भले ही परेशानियों का सामना कर रहे हों लेकिन इनकम टैक्स स्लैब को लेकर छन-छन कर आ रही रिपोर्ट्स निश्चित तौर पर मुस्कान ले आएगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोदी सरकार अगले साल 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में इस साल आयकर स्लैब में छूट का तोहफा दे सकती है. यदि ये नए स्लैब (जिनकी चर्चा है) लागू कर दिए गए तो सबसे ज्यादा फायदा आम आदमी को ही होगा.
इनकम टैक्स का नया प्रावधान यह हो सकता है...
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार टैक्स छूट की सीमा को ढाई लाख से बढ़ाकर चार लाख रुपए कर सकती है. इसका अर्थ हुआ कि जिन लोगों की सालाना आया 4 लाख रु. तक होगी, वे किसी भी प्रकार के इनकम टैक्स से बच जाएंगे. अभी तक के नियम के मुताबिक, ढाई लाख रु. की आमदनी करमुक्त है. विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चार से 10 लाख रुपए तक की आमदनी के स्लैब में 10 फीसदी टैक्स लगाया जा सकता है और 10 से 15 लाख तक रुपए तक की आय पर 15 फीसदी टैक्स का प्रावधान किया जा सकता है. 15 से 20 लाख रुपए तक की आमदनी स्लैब में 20 फीसदी टैक्स का प्रावधान किया जा सकता है. जिनकी आय 20 लाख रुपए सालाना को पार कर जाएगी, उन पर 30 फीसदी टैक्स देने का प्रावधान लगाया जा सकता है.
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क्या है वर्तमान टैक्स स्लैब....
मौजूदा इनकम टैक्स सिस्टम के मुताबिक, ढाई लाख रुपए सालाना आमदनी वाले लोगों को कोई टैक्स नहीं देना पड़ता. 2.5 लाख रुपए से ज्यादा और 5 लाख रुपए तक की आमदनी पर 10 फीसदी तक टैक्स देना होता है. 5 लाख रुपए से ज्यादा और 10 लाख रुपए तक की आमदनी पर 20 फीसदी टैक्स देना होता है. वहीं जिनकी सालाना आय 10 लाख रुपए से ज्यादा है, उन्हें 30 फीसदी टैक्स देना होता है. यहां यह न भूलें कि अभी इस बाबत केवल चर्चा, कयास और अटकलें ही सुनी जा रही हैं और सरकार की ओर से इस बाबत कोई पुष्टि नहीं की गई है.
वित्त राज्यमंत्री दे चुके हैं ऐसे ही संकेत...
वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने हाल ही में कहा था कि अधिक मूल्य वाले नोटों को चलन से बाहर किए जाने के परिणामस्वरूप आयकर दर के साथ-साथ ब्याज दरों में कमी आने की उम्मीद है. मंत्री ने कहा, 'मैं हर चीज का खुलासा नहीं कर सकता, जो बजट का हिस्सा होगा, लेकिन ब्याज दरें कम होंगी. यह निश्चित तौर पर कम होगा. उन्होंने यह भी संकेत दिया था कि आगामी बजट में आयकर की दर में कमी आने की संभावना है. उन्होंने कहा, 'आयकर में दो मामले हैं. छूट की सीमा और दूसरा स्लैब. दोनों ही मामलों पर गौर किया जाएगा.'
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