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This Article is From May 20, 2022

निकहत-मैरीकॉम की हेट स्टोरी...

Sanjay Kishore
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    मई 20, 2022 15:12 pm IST
    • Published On मई 20, 2022 14:55 pm IST
    • Last Updated On मई 20, 2022 15:12 pm IST

भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन (Nikhat Zareen) ने इतिहास रच डाला है. तेलंगाना की 25 साल की मुक्केबाज ने 12वीं आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता. वर्ल्ड चैम्पियनशिप में सोना जीतने वाली पांचवीं भारतीय महिला बनीं निकहत जरीन ने तुर्की के शहर इस्तांबुल में खेले गए वर्ल्ड चैंपियनशिप के 52 किग्रा. कैटेगरी के फाइनल में थाईलैंड की जितपोंग जुतामास को 5-0 से हराया. निकहत जरीन पांचवीं भारतीय महिला बॉक्सर हैं, जिन्होंने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है. दिग्गज बॉक्सर एमसी मैरीकॉम ने इस चैम्पियनशिप में छह बार गोल्ड जीतकर रिकॉर्ड बनाया है. मैरीकॉम और निखत के अलावा वर्ल्ड चैम्पियनशिप में सरिता देवी, जेनी आरएल और लेखा सी भी स्वर्ण जीत चुकी हैं.

निकहत जरीन एमसी मैरीकॉम को अपना आदर्श मानती थी लेकिन अब दोनों के बीच में छत्तीस का आँकड़ा रहा है. दरअसल विवाद टोक्यो ओलिंपिक के पहले शुरू हुआ. सारा बखेड़ा खड़ा हुआ भारतीय बॉक्सिंग संघ के कारण. मैरीकॉम को टोक्यो ओलंपिक के लिए बगैर ट्रायल के 51 किग्रा भार वर्ग में चुन लिया गया. संघ के तत्कालीन अध्यक्ष राजेश भंडारी ने अजीबोगरीब तर्क दिया कि निकहत को भविष्य के लिए बचा कर रखा जा रहा है. निकहत को ये नागवार गुजरा. उन्होंने तब खेल मंत्री रहे किरण रिजिजू को पत्र लिख कर इसका पुरजोर विरोध किया.

इस बीच एक प्रेस-कॉन्फ़्रेंस में मैरीकॉम ने कहा-हू इज निकहत जरीन? खैर निकहत और मैरीकॉम के बीच ट्रायल कराया गया जिसमें मैरीकॉम विजयी रहीं. दोनों के बीच वैमनस्यता इतनी बढ़ चुकी थी कि बाउट के बाद दोनों ने एक दूसरे की तरफ देखा तक नहीं, हाथ मिलाने की बात तो दूर थी. बहरहाल, मैरीकॉम टोक्यो ओलिंपिक के क्वार्टर फाइनल तक भी नहीं पहुँच पायीं. निकहत टोक्यो में होती तो शायद भारत को एक और पदक मिल सकता था.

जाहिर है निकहत मैरीकॉम के हाथों मिले अपमान को भूला नहीं पायी. इस्तांबुल में पदक जीतने के बाद उनकी पहली प्रतिक्रिया थी-क्या मेरा नाम ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है? कहा जा रहा है कि ये मैरीकॉम और बॉक्सिंग संघ को निकहत जरीन का जवाब था. निकहत तेलंगाना के निजामाबाद की हैं. उनके पिता का नाम मुहम्मद जमील अहमद और माता का नाम परवीन सुल्ताना है. निकहत चार बहनें हैं. उनकी दो बड़ी बहनें डॉक्टर हैं. जबकि उनसे छोटी बहन बैडमिंटन खेलती है. निकहत बचपन में IPS ऑफिसर बनकर लाल बत्ती वाली गाड़ी में घुमने का सपना देखती थी. 

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