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This Article is From Nov 28, 2014

उमाशंकर सिंह की कलम से : इराक में भारतीय बंधकों पर अंधेरे में सरकार!

Umashankar Singh
  • Blogs,
  • Updated:
    नवंबर 28, 2014 13:59 pm IST
    • Published On नवंबर 28, 2014 13:55 pm IST
    • Last Updated On नवंबर 28, 2014 13:59 pm IST

इराक में बंधक भारतीयों का मुद्दा आज लोकसभा और राज्यसभा दोनों में उठा। विपक्ष के पूछे गए सवाल पर विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने दोनों सदनों में सरकार का पक्ष रखा और कहा कि उम्मीद कायम हैं।

इराक में अगवा 39 भारतीय जिंदा हैं या नहीं, सरकार को इस बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। लेकिन संसद में विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने सूत्रों के हवाले से उम्मीद जताई कि वे जिंदा हो सकते हैं और इसलिए उनकी तलाश की जा रही है।

लोकसभा में विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि हमारे पास इस बात के सबूत नहीं हैं कि वे जिंदा हैं, पर इस बात के सबूत भी नहीं कि वे मार दिए गए हैं।

सुषमा स्वराज ने यह माना कि आईएसआईएस के चंगुल से किसी तरह भागने वाला एकमात्र चश्मदीद हरजीत मसीह सरकार के प्रोटेक्टिव केयर में है। वह बता रहा है कि बाकी 39 भारतीयों को मार दिया गया है, लेकिन सरकार को उसकी बात पर भरोसा नहीं है। सवाल विदेश मंत्रालय की तरफ से इस पूरे मामले पर अब तक दी गई जानकारी पर भी उठा।

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने राज्यसभा में ध्यान दिलाया कि विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अगवा भारतीयों के लोकेशन पता चल गया है। लेकिन सुषमा ने जवाब दिया कि मैंने कभी ऐसी जानकारी नहीं दी। तिवारी के जोर देने पर कि विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा था, सुषमा ने पूछा किस एमईए ने, मैंने या स्पोक्सपर्सन ने...

इराक के मोसुल पर आईएसआईएस के कब्जे के बाद से ही वहां काम करने वाले 39 भारतीयों का कोई अता-पता नहीं है। पिछले पांच महीने से परिवारवालों की उम्मीदें डूब-उतर रही हैं। हरजीत की बात पर भरोसा करने का कोई आधार नहीं है, तो उस पर भरोसा नहीं करने का ही क्या आधार है? जिंदगी की उम्मीद जगाए रखना अच्छी बात है, पर लंबे इंतजार में परिवार वाले तिल-तिल कर मर रहे हैं, सरकार को यह भी देखना होगा।

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