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This Article is From Mar 30, 2015

सांगठनिक ढांचे में बदलाव के लिए कांग्रेस में जारी मग़ज़मारी

Umashankar Singh, Saad Bin Omer
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  • Updated:
    मार्च 30, 2015 22:58 pm IST
    • Published On मार्च 30, 2015 22:19 pm IST
    • Last Updated On मार्च 30, 2015 22:58 pm IST

कांग्रेस में जल्द ही सांगठनिक चुनाव होने हैं और उससे पहले पार्टी में सांगठनिक ढांचे में बदलाव को लेकर कई तरह के प्रस्ताव रखे जा रहे हैं। एक ऐसे प्रस्ताव की कॉपी पत्रकारों के हाथ लगी है, जिसमें कांग्रेस का सांगठनिक ढांचा कैसा हो इसकी रुपरेखा पेश की गई है।

इसमें ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी यानि AICC के नीचे पांच कमेटियां बनाने का प्रस्ताव है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी, लोकसभा कांग्रेस कमेटी, विधानसभा कांग्रेस कमेटी, सेक्टर कांग्रेस कमेटी और पोलिंग बूथ कांग्रेस कमेटी।

इन तमाम कमेटियों में 21 सदस्य रखने का प्रस्ताव है। हरेक कमेटी का अपना एक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और सचिव होगा। इनका कार्यकाल पांच साल का होगा। लोकसभा कांग्रेस कमेटी और विधानसभा कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष लोकसभा और विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं बन सकेंगे। उन्हें एआईसीसी और पीसीसी के निर्देशों का पालन करना होगा। इसे नहीं करने पर उनके खिलाफ एआईसीसी को कार्रवाई करने का अधिकार होगा।

इस प्रस्ताव में कांग्रेस अध्यक्ष के चुनावी प्रक्रिया को लेकर भी सुझाव दिया गया है। अध्यक्ष का चुनाव या तो कांग्रेस के सभी पंजीकृत सदस्य करेंगे या फिर एक इलेक्टोरल कॉलेज चुनेगा जिसमें विधानसभा कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, उसके दो डेलीगेट, लोकसभा कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और उसके दो डेलीगेट, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और सभी कार्यकारी सदस्य, सभी ज़िला पंचायत अध्यक्ष, महानगरपालिकाओं के मेयर और पार्टी के सभी सांसद और विधायक शामिल होंगे।

अध्यक्ष के लिए चुनाव होने की सूरत में जिन उम्मीदवारों को 20 फीसदी से ज़्यादा वोट मिलेगा वो कमेटी के सदस्य बन जाएंगे। लेकिन अगर अध्यक्ष सर्वसम्मति से चुना गया या किसी को भी 20 फ़ीसदी से ज़्यादा वोट नहीं मिलता है तो कांग्रेस अध्यक्ष वर्किंग कमिटि के 21 सदस्यों को मनोनीत करेगा जिसमें एक उपाध्यक्ष और 6 महासचिव शामिल होंगे।

इस प्रस्ताव के तहत कमेटियों में 20 फीसदी सदस्य अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों का होना ज़रूरी बताया गया है। इतना ही नहीं 21 सदस्यों में से एक तिहाई महिलाएं होंगी। वर्किंग कमेटी के हर तीन महीने में एक बार मिलने का प्रस्ताव भी रखा गया है। इसके अलावा एआईसीसी में 21 सदस्यों वाली एक केंद्रीय चुनाव समिति भी बनाने का प्रस्ताव है जिसमें एक तिहाई महिलाएं और 20 फीसदी एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों को रखा जाएगा।

एआईसीसी के अलावा तमाम कमेटियों के ढ़ाचे, उनकी ज़िम्मेदारियों और कर्तव्यों को लेकर विस्तृत सुझाव दिए गए हैं। इसमें सदस्य बनाने और फंड उगाहने के लिए ज़िम्मेदारियां भी तय की गई हैं।

पार्टी के सांगठनिक ढांचे पर तैयार इस प्रस्ताव में से कुछ माना भी गया है या नहीं इसका अभी कुछ पता नहीं। इस बाबत पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह का कहना है कि यह बंच ऑफ आइडियाज़ यानि सुझावों के बंडल का हिस्सा है। लेकिन इससे इतना तो ज़ाहिर होता ही है कि कांग्रेस ज़मीनी स्तर पर फिर से ख़ुद को मज़बूत करने के लिए बहुत मग़ज़मारी कर रही है। निकलता क्या है ये तो सांगठनिक चुनाव के वक्त ही पता चलेगा।

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