बिहार के उपचुनाव में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की प्रतिष्ठा दांव पर क्यों लगी?

नीतीश कुमार ने एनडीए के अन्य नेताओं के साथ लगातार दो दिनों तक चुनाव प्रचार किया, तेजस्वी यादव दस दिनों से बारी-बारी से दोनों विधानसभा क्षेत्रों में जमकर प्रचार कर रहे हैं

पटना:

बिहार के उपचुनाव में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. बिहार की दो विधानसभा सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव में 30 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे लेकिन यह चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गए हैं. जहां नीतीश कुमार ने एनडीए के अन्य नेताओं के साथ लगातार दो दिनों तक चुनाव प्रचार किया वहीं तेजस्वी दस दिनों से बारी-बारी से दोनों विधानसभा क्षेत्रों में जमकर प्रचार कर रहे हैं.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने NDA के सहयोगियों के साथ तारापुर विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सभा को संबोधित किया. नीतीश कुमार पिछले साल इस सीट के अलावा कुशेश्वरस्थान की सीट जीतने में कामयाब हुए थे. अपने इन दोनों सीटों के विधायकों के निधन के बाद वे इन सीटों को एक बार फिर जीतना चाहते हैं जि कि उनके लिए राजनीतिक रूप से अहम है.

नीतीश कुमार की तुलना में तेजस्वी यादव अपनी सभाओं में जनता से कुछ अलग अंदाज में संपर्क और संवाद करते हैं. तेजस्वी ने इस बार कांग्रेस की परंपरागत सीट कुशेश्वरस्थान पर अपना उम्मीदवार खड़ा किया है. उन्होंने तारापुर क्षेत्र में यादव की जगह बनिया जाति से उम्मीदवार खड़ा किया है. वहीं कुशेश्वरस्थान से उनका प्रत्याशी मुशहर समुदाय से है. इससे निश्चित रूप से नीतीश के उम्मीदवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

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हालांकि इन दोनों सीटों पर चिराग पासवान और कांग्रेस के भी अपना उम्मीदवार उतारने से यह चुनावी मुकाबले रोचक बन गए हैं. फिलहाल बुधवार को लालू यादव तेजस्वी के साथ इन दोनों विधानसभा में चुनाव प्रचार करेंगे.