
तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
बिहार में बाढ़ से हुए बुरे हालात के बीच नेता विपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi yadav) ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि केन्द्र को बिहार में बाढ़ और सूखे की स्थितियों को राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए और राज्य को दस हजार करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करानी चाहिए. उन्होंने (Tejashwi yadav) इस दौरान राज्य की नीतीश कुमार सरकार पर भी निशाना साधा. तेजस्वी यादव (Tejashwi yadav) ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों की मदद में राज्य सरकार पूरी तरह से नाकाम रही है. बता दें कि बिहार में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर शनिवार को 97 हो गई और बाढ़ से 12 जिलों के 69 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं.
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तेजस्वी यादव ने यहां पत्रकारों से कहा कि बिहार बाढ़ और सूखे दोनों स्थितियों की चपेट में है. केन्द्र को इन स्थितियों को राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए और राज्य को 10,000 करोड़ रुपये दिये जाने चाहिए. साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राज्य का दौरा करना चाहिए. बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री ने राजद के वरिष्ठ नेताओं शिवानंद तिवारी और रघुवंश प्रसाद सिंह के साथ यहां राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में राजद प्रमुख लालू प्रसाद से मुलाकात की. यादव चारा घोटालों के कई मामलों में सजा काट रहे हैं और वर्तमान में उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. गौरतलब है कि बिहार के 12 जिलों में आयी बाढ़ के कारण अब तक 33 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 26 लाख 79 हजार 936 लोग प्रभावित हुए है.
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आपदा प्रबंधन विभाग से मंगलवार को मिली जानकारी के मुताबिक बिहार के 12 जिलों शिवहर, सीतामढी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया एवं कटिहार में अब तक 33 लोगों की मौत होने के साथ 26 लाख 79 हजार 936 लोग प्रभावित हुए है .बिहार में बाढ़ के कारण मरने वाले लोगों में सीतामढ़ी के 11, अररिया के नौ, शिवहर के सात, किशनगंज के चार और सुपौल दो लोग शामिल हैं . बाढ प्रभावित 12 जिलों में कुल 185 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जहां 1,12,653 लोग शरण लिए हुए हैं. उनके भोजन की व्यवस्था के लिए 812 सामुदायिक रसोई चलाई जा रही हैं.
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बाढ़ प्रभावित इलाके में राहत एवं बचाव कार्य के लिये एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 26 टीमों और 796 मानव बल को लगाया गया है व 125 मोटरबोट का इस्तेमाल किया जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को पटना से बाल्मीकिनगर तक गंडक नदी के संवेदनशील तटबंधों का हवाई सर्वेक्षण किया. हवाई सर्वेक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने विशेषकर गोपालगंज के निकट रूपनछाप एवं समहरा धार के निकट तटबंधों की विशेष निगरानी और आवश्यकतानुसार उनके सुदृढ़ीकरण का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने साथ ही बगहा शहर में नदी के किनारे रिवेटमेंट का भी हवाई सर्वेक्षण किया और जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव निर्देश को उसके सुदृढ़ीकरण का दिया.
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उन्होंने इसके बाद पश्चिम चम्पारण जिले के चनपटिया, नरकटियागंज तथा पूर्वी चम्परण जिला के रमगढ़वा, सुगौली एवं बंजरिया इलाकों का भी हवाई सर्वेक्षण किया. इन इलाकों में नेपाल की तराई से निकलने वाली मसान, तिलावे, तिमर एवं मुख्यतः सिकरहना नदियों के पानी के कारण बाढ़ की स्थिति बन गई है. हवाई सर्वेक्षण से लौटने के बाद मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव, जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव के साथ पश्चिम चम्पारण एवं पूर्वी चम्पारण में बाढ़ की स्थिति पर समीक्षा की.
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मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया कि वह बुधवार को पश्चिम चम्पारण एवं पूर्वी चम्पारण के जिलाधिकारियों के साथ हवाई सर्वेक्षण करें ताकि जिलाधिकारी अपने जिले में बाढ़ की स्थिति से पूरी तरह अवगत हो सकें. उन्होंने अविलम्ब राहत कार्य चलाये जाने का निर्देश दिया। साथ ही बाढ़ पीड़ितों को आवश्यकतानुसार निर्धारित सहायता राशि उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया. हवाई सर्वेक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव दीपक कुमार एवं जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव अरूण कुमार सिंह भी मौजूद थे.
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केंद्रीय जल आयोग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बिहार की कई नदियां गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, अधवारा समूह, कमला बलान, कोसी, महानंदा और परमान नदी विभिन्न स्थानों पर मंगलवार सुबह खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी. भारत मौसम विभाग के अनुसार बिहार की सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में बुधवार की सुबह तक हल्की बारिश की संभावना जतायी गयी है.
(इनपुट भाषा से)