- बिहार में इस साल होंगे विधानसभा चुनाव
- राज्य के नेता प्रतिपक्ष हैं तेजस्वी यादव
- तेजस्वी ने बताया 'रोजगार' देने का प्लान
बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने वादा किया है कि अगर सत्ता में आए तो एक मेगा ड्राइव में सबको रोजगार देंगे. इसकी विधिवत घोषणा विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में की. सम्मेलन में उन्होंने फिर अपना नारा दोहराया कि बेरोजगारी हटाने के लिए नीतीश कुमार को हटाना होगा. तेजस्वी ने एक पोर्टल भी लॉन्च किया, जहां राज्य के बेरोजगार खुद की जानकारी को रजिस्टर कर सकते हैं. तेजस्वी ने कहा कि पिछले 15 वर्षों में नीतीश कुमार अपने राजनीतिक रोजगार के चक्कर में बिहार के करोड़ों नौजवानों को बेरोजगार बनाते गए. आज देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी जो कि 46.6 फीसदी है, वो बिहार में है.
तेजस्वी यादव ने आगे कहा, 'सबसे ज्यादा रोजगार के लिए राज्य से बाहर पलायन बिहार में है, सबसे अधिक गरीबी बिहार में है, यहां आधे से अधिक 52 फीसदी लोग गरीबी में जी रहे हैं. अपने पूरे शासनकाल में नीतीश जी ने गरीबी, बेरोजगारी, भुखमरी, भ्रष्टाचार और अपराध में जबरदस्त विकास किया है. हमारे नौजवान साथी ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, पीएचडी, इंजीनियरिंग इत्यादि पढ़ाई कर या तो बेरोजगार घूम रहे हैं या मजदूरी कर रहे हैं. विभिन्न विभागों में लगभग साढ़े चार लाख रिक्तियां वर्षों से लंबित हैं, जिनको भरने में सरकार की कोई दिलचस्पी या तत्परता कभी नहीं दिखी.'
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उन्होंने कहा, 'शिक्षा विभाग हो या स्वास्थ्य या पुलिस हो या किसी भी सरकारी विभाग में हजारों पद खाली हैं लेकिन सरकार की कभी प्राथमिकता इन खाली पड़े पदों के भरने की नहीं रही. नीतीश कुमार ने रोजगार के नाम पर सिर्फ संविदा और मानदेय भत्ते का झुनझुना देकर बेरोजगारों को साधने की कोशिश की. वो चाहते हैं कि संविदा पर बहाल कर इन लोगों को अपना बंधुआ मजदूर बना कर रखें. इनकी जिंदगी में अनिश्चितता बनी रहे और वो हर चुनाव में मामूली वेतन वृद्धि कर उनका वोट लेते रहें. आखिर संविदा कर्मियों के भविष्य से कब तक ये खिलवाड़ चलता रहेगा. बिहार सरकार के कर्मचारी चयन आयोग, बिहार प्रशासनिक सेवा आयोग हो या कोई भी भर्ती संबंधी संस्था सभी को एक भर्ती प्रक्रिया पूरी करने में 5-6 साल कम से कम लगता है और उसमें भी व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार. आज तक कोई भी भर्ती परीक्षा नियमित नहीं हो पाई है.'
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उन्होंने आगे कहा, 'पिछले एक साल से मैंने बेरोजगारी हटाने और रोजगार के अवसरों को सृजित करने के लिए सरकार से लगातार मांग की है. नतीजतन आजकल चुनाव में हार का खतरा भांपकर नौकरी का विज्ञापन देने का नाटक कर रहे हैं. जिस व्यक्ति ने अपने 15 वर्षों के शासनकाल में रोजगार सृजन के प्रति गंभीरता और रुचि नहीं दिखाई, क्या उससे आप उम्मीद कर सकते हैं कि वो एक महीने में आपको नौकरी देगा. 2014 के लोकसभा चुनाव के समय दी गई भर्ती विज्ञापन की मुख्य परीक्षा आज तक नहीं हो पाई तो भला अभी घोषणा करके नीतीश जी आपको रोजगार दे सकते हैं. इस महामारी में सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद नीतीश जी मनरेगा के तहत रोजगार सृजन की बात करते हैं. मैं जानना चाहता हूं कि कितने लोगों को इसमें रोजगार दिया गया. निर्माण कार्यों के अलावा क्या कोई रोजगार के अन्य अवसर उपलब्ध कराए गए. शिक्षित और स्किल्ड बेरोजगारों के लिए क्या आपने एक भी अवसर सृजित किया.'
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तेजस्वी यादव ने कहा, 'मैं मुख्यमंत्री जी से आग्रह करता हूं कि चुनावी बहाली का नाटक छोड़ दें. युवाओं को दिग्भ्रमित करना बंद करें. उनके सब्र की अब और इम्तेहान नहीं लें. मैंने फरवरी महीने में बेरोजगारी हटाओ यात्रा का आगाज पटना से किया था और पूरे राज्य में इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर नौजवानों से रूबरू होना चाहता था, उनकी समस्याओं को समझना चाहता था और अपनी पार्टी का रोजगार उपलब्ध कराने का रोडमैप प्रस्तुत करना चाहता था लेकिन इस कोरोना महामारी के कारण दुर्भाग्यवश इस राज्यव्यापी कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा. आज मैं उसी कड़ी में बेरोजगारी हटाने के लिए पूरे राज्य के बेरोजगार नौजवान भाइयों और बहनों का एक डेटाबेस तैयार करने के लिए एक वेबसाइट और टोल फ्री नंबर जारी करने जा रहा हूं ताकि सरकार बनने पर त्वरित कार्रवाई करते हुए रोजगार सृजन पर काम किया जा सके.'
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तेजस्वी द्वारा बताई गई वेबसाइट पर आपको अपना बायोडाटा और संपर्क सूत्र भरना होगा. टोल फ्री नंबर 9334302020 है, जिसपर आप मिस्ड कॉल कर पंजीकृत कर सकते हैं. उन्होंने कहा, 'हमने विशेषज्ञों से परामर्श कर रोजगार सृजन के लिए एक समग्र योजना तैयार की है, जिससे ये सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्येक योग्य व्यक्ति के लिए उसकी स्किल के अनुसार नौकरी दी जा सकेगी. इसकी जानकारी उपयुक्त समय पर आपको दी जाएगी. अगर सृजनात्मक सोच हो तो मुश्किल से मुश्किल काम आप बड़ी आसानी से कर सकते हैं लेकिन आप में उस काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए इच्छाशक्ति होनी चाहिए, जो मुझमें है और नीतीश कुमार में कभी नहीं दिखी. उनका समर्पण सत्ता के लिए है, मेरा समर्पण युवाओं के दुख-दर्द के लिए है.'
तेजस्वी ने कहा, 'मैं समझता हूं कि बिहार में सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है और किसी भी सरकार की पहली, दूसरी, तीसरी और आखिरी प्राथमिकता इसको दूर करना ही होनी चाहिए और आज मैं इस बात का वचन देता हूं कि हमारी सरकार की प्राथमिकता रोजगार सृजन ही होगा. हमारी सरकार सभी बैकलॉग्स को एक मेगा ड्राइव में भरेगी. सभी भर्ती परीक्षाओं को नियमित करेगी और आबादी के अनुपात में हर एक विभाग में नए कर्मचारियों की वैकेंसी निकालेगी ताकि वर्कलोड कम हो सके. सबसे महत्वपूर्ण बात मैं आपको बताना चाहूंगा कि हमारी सरकार हर सम्भव प्रयास करेगी कि स्थायी नियुक्ति की जाए. गुणवत्ता और पारदर्शिता को केंद्रबिंदु बनाकर एक समय सीमा के अन्दर बहाली के विज्ञापन से लेकर परीक्षा और नियुक्ति की कोशिश की जाएगी.
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