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This Article is From Apr 26, 2020

बिहार : जज की चिट्ठी के बाद तेजस्वी यादव का नीतीश सरकार पर आरोप, 'आपदा राहत केंद्रों में सब कुछ ठीक नहीं'

बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर आरोप लगाया है कि राज्य में आपदा राहत केंद्र में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है.

बिहार : जज की चिट्ठी के बाद तेजस्वी यादव का नीतीश सरकार पर आरोप, 'आपदा राहत केंद्रों में सब कुछ ठीक नहीं'
तेजस्वी यादव ने राहत केंद्रों को लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साधा है. (फाइल फोटो)
  • तेजस्वी यादव का बिहार सरकार पर आरोप
  • 'आपदा राहत केंद्र ठीक-ठाक नहीं चल रहे'
  • जिला जज ने गृह विभाग के अपर सचिव को लिखा पत्र
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पटना:

बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर आरोप लगाया है कि राज्य में आपदा राहत केंद्र में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. तेजस्वी ने रविवार को अपने इस बयान का आधार एक जिला न्यायाधीश के उस पत्र को बनाया हैं, जो उन्होंने एक राहत केंद्र के निरीक्षण के बाद बिहार सरकार के गृह विभाग के अपर सचिव को लिखा है. तेजस्वी ने अपने बयान में कहा कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश, शिवहर के रोंगटे खड़े करने वाले इस पत्र को पढ़कर आप बिहार सरकार की कोरोना संबंधित तैयारियों, बचाव और उपचार का अंदाजा लगा सदमे में जा सकते हैं.

उन्होंने कहा, 'मैं पहले दिन से कह रहा हूं बिहार भगवान भरोसे चल रहा है. थकी-हारी बिहार सरकार कोरोना के नाम पर बस खानापूर्ति कर रही है. सरकार की ना कोई समेकित योजना है ना ही दृष्टि. सरकार की ना कोई प्रो-एक्टिव अप्रोच है और ना ही रिएक्टिव.' इसके बाद तेजस्वी ने कहा कि बिहार में हालात बदतर होते जा रहे हैं. जरूरी टेस्टिंग नहीं हो रही है. ना ही आवश्यक संख्या में टेस्टिंग किट्स और वेंटिलेटर्स उपलब्ध हैं. बाहर फंसे 17 लाख बिहारियों को निकालने की कोई व्यवस्था नहीं है, ना ही अप्रवासी कामगारों और छात्रों को वापस लाने की कोई मंशा है.

तेजस्वी ने आगे कहा कि राज्य सरकार पूर्णतः असहाय, असमर्थ और थकी हुई है. चहुंओर राशन वितरण में धांधली की खबर है. लाभार्थियों को गला-सड़ा अनाज बांटा जा रहा है. क्वारंटाइन केंद्रों में कोई सुविधा नहीं है. जांच रिपोर्ट्स में लगातार गड़बड़ी उजागर हो रही है. सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में स्थिरता और पारदर्शिता नहीं है. पुलिसकर्मियों और स्वास्थ्यकर्मियों के पास जरूरी स्वास्थ्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं है. जरूरतमंदों तक मदद और राहत सामग्री नहीं पहुंच रही है. बिहार में सबसे कम टेस्ट हो रहे हैं.

उन्होंने कहा कि बकौल केंद्रीय मंत्री सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बिहार का सबसे बुरा प्रदर्शन है. बैंकों और बाजारों में सामान्य दिनों की तरह भीड़ जमा हो रही है. लॉकडाउन का उचित पालन नहीं हो रहा है. यह सब मुख्यतः माननीय मुख्यमंत्री की विफलताएं हैं. जिनका कहीं कोई जिक्र नहीं हो रहा है. प्रशासन के असहयोगात्मक रवैये के बावजूद जमीन पर मुख्य रूप से विपक्षी दलों के सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता जरूरतमंदों की सहायता कर रहे हैं. हमेशा की तरह मुख्यमंत्री और सरकार ज्वलंत समस्याओं की बजाय नफा-नुकसान के राजनीतिक हथकंडों में उलझे हुए हैं.

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