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This Article is From Dec 03, 2021

'बच्चों में ऑनलाइन गेम की बढ़ती लत चिंता का विषय' : नियंत्रण के लिए सुशील मोदी ने की कानून बनाने की मांग

उन्होंने कहा कि कोविड-19 से पहले मोबाइल गेम पर बच्चे औसतन 2.5 घंटे प्रत्येक सप्ताह समय बिताते थे, जो लॉकडाउन के समय बढ़कर पांच घंटे हो गया.

'बच्चों में ऑनलाइन गेम की बढ़ती लत चिंता का विषय' : नियंत्रण के लिए सुशील मोदी ने की कानून बनाने की मांग
सुशील मोदी ने कहा कि ऑनलाइन खेलों पर नियंत्रण के लिए व्यापक फ्रेमवर्क तैयार करे सरकार
नयी दिल्ली:

राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के सदस्य एवं बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने युवाओं में ऑनलाइन गेम के बढ़ते प्रचलन विशेषकर लॉकडाउन लगने के बाद से इसमें बच्चों द्वारा अधिक समय लगाये जाने पर चिंता जताते हुए शुक्रवार को केंद्र सरकार से इस पर नियंत्रण के लिए कानून बनाने की मांग की. उच्च सदन में शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने कहा कि ऑनलाइन खेल बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि करोड़ों युवा इस लत की चपेट में आ रहे हैं. 

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उन्होंने कहा कि कोविड-19 से पहले मोबाइल गेम पर बच्चे औसतन 2.5 घंटे प्रत्येक सप्ताह समय बिताते थे, जो लॉकडाउन के समय बढ़कर पांच घंटे हो गया. उन्होंने कहा, ‘आज 43 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता ऑनलाइन गेम खेल रहे हैं. ऐसा अनुमान है कि 2025 तक यह आंकड़ा 65.7 करोड़ हो जाएगा.' मोदी ने कहा कि तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाए थे लेकिन इन राज्यों के संबंधित उच्च न्यायालयों ने इसे खारिज कर दिया.

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उन्होंने कहा, ‘ऑनलाइन खेलों पर नियंत्रण के लिए एक व्यापक फ्रेमवर्क तैयार करे सरकार... एक नियामक बनना चाहिए... नहीं तो इस देश के करोड़ों बच्चों को ऑनलाइन गेम की आदोंत से हम रोक नहीं पाएंगे. मोदी की इस मांग पर राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने भी गंभीरता से लिया और सदन में मौजूद संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव से कहा कि वह इस मामले का संज्ञान लें और कानून मंत्री से विमर्श करके आवश्यक कदम उठाएं. 
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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