बिहार में जातीय जनगणना का मामला फिर तूल पकड़ता जा रहा हैं. आज सभी विपक्षी दलों के विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव ( Tejashwi Yadav) के नेतृत्व में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से मिले. वहीं इस संबंध में तेजस्वी यादव ने कहा कि अगले तीन-चार दिनों में एक सर्वदलीय बैठक बुलाने का आश्वासन दिया गया है. तेजस्वी ने कहा कि कल हमने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने का समय लिया था. आज विपक्ष के सभी साथी कॉस्ट सेंसस पर प्रस्ताव लेकर गए थे. हम लोगों से वादा किया गया था कि अगर केंद्र सरकार जातिगत जनगणना नहीं कराती तो राज्य सरकार अपने खर्चे पर कास्ट सेंसस कराए. मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी दल के लोगों के साथ बैठक कर इस बारे में दो-चार दिनों में चर्चा होगी.
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उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट किया है, 'नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट में बिहार में सबसे अधिक 51.9 फीसदी आबादी गरीब है. जातीय जनगणना से यह ज्ञात होगा कि बिहार के 51.9 फीसदी गरीब लोग किन जातियों और वर्गों से हैं. तदोपरांत उन गरीबों के उत्थान और उन्नति हेतु सरकार द्वारा नीति, योजना एवं कार्यक्रम निर्धारित किए जा सकेंगे.'
नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट में बिहार में सबसे अधिक 51.9 फ़ीसदी आबादी गरीब है। जातीय जनगणना से यह ज्ञात होगा कि बिहार के 51.9 फ़ीसदी गरीब लोग किन जातियों और वर्गों से है। तदोपरांत उन गरीबों के उत्थान और उन्नति हेतु सरकार द्वारा नीति, योजना एवं कार्यक्रम निर्धारित किए जा सकेंगे। pic.twitter.com/JgFbri44Qn
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 1, 2021
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तेजस्वी ने कहा कि दो बार सहमति से विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया गया था. सर्वसम्मति से कास्ट सेंसस का प्रस्ताव पास किया गया था. यह बात तो तय है कि जातिगत जनगणना होने जा रही है कैसे होगी, क्या होगी, ये सर्व दलीय बैठक के बाद पूरी तरह से क्लियर हो जाएगा. बजट का स्वरूप तैयार करने में आसानी होगी. योजनाएं बनेंगी तरक्की होगी, सबको बराबरी का मौका मिलेगा.
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