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BPSC परीक्षा रद्द करने की मांग सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई, जानिए कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने 25 अप्रैल को होने वाली बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से बुधवार को इनकार कर दिया और पिछले साल 13 दिसंबर को प्रारंभिक परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र लीक होने का आरोप लगाने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया.

BPSC परीक्षा रद्द करने की मांग सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई, जानिए कोर्ट ने क्या कहा?
नई दिल्ली:

BPSC परीक्षा रद्द कराने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगी परीक्षा को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया. याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि परीक्षा में पेपर लीक हुआ, लेकिन अदालत इससे संतुष्ट नहीं हुई. 

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कई तीखे सवाल किए. जस्टिस मनमोहन ने कहा कि हर कोई एक-दूसरे की असुरक्षा से खेल रहा है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि  यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोई भी परीक्षा अपने निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पा रही. हमें हर किसी पर गड़बड़ी का संदेह है और परीक्षकों का स्तर भी उतना ऊंचा नहीं है. कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से एक वीडियो पेश किया गया था, जो कथित पेपर लीक का प्रमाण माना जा रहा था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे नाकाफी बताते हुए कहा वीडियो से यह स्पष्ट नहीं होता कि यह कौन सा परीक्षा केंद्र है. 

इससे पहले जनवरी में भी इसी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई थी, जिसे खारिज कर पटना हाईकोर्ट भेजा गया था. वहां आनंद लीगल एड फोरम ट्रस्ट ने याचिका दायर की, लेकिन हाईकोर्ट ने भी साफ शब्दों में याचिका खारिज करते हुए कहा कि कोई "व्यवस्थित अनियमितता" नहीं पाई गई. 

अब जब मुख्य परीक्षा 25 अप्रैल से शुरू होने जा रही है, याचिकाकर्ता ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में रुख किया. याचिका में कहा गया कि एक परीक्षा केंद्र पर पेपर व्हाट्सएप के जरिए लीक हुआ और उसे लाउडस्पीकर पर पढ़ा गया.इस पर कोर्ट ने सख्त लहजे में पूछा  कि “मोबाइल की अनुमति थी? जब वकील ने कहा कि आधिकारिक रूप से नहीं, तो कोर्ट ने कहा तब तो हमें यह मानना होगा कि मोबाइल की अनुमति नहीं थी.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि  बीच में एक वीडियो चलाया गया, लेकिन उससे यह नहीं स्पष्ट होता कि यह परीक्षा केंद्र कौन सा है। अगर लाउडस्पीकर का दावा कर रहे हैं, तो रिकॉर्ड पर लाइए कि कौन से केंद्र में ये हुआ. 

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि BPSC हर बार चार सेट प्रश्नपत्र तैयार करता है और किसी भी केंद्र पर कोई भी सेट हो सकता है. ऐसे में किसी भी एक प्रश्नपत्र को लाउडस्पीकर से पढ़कर सब तक पहुंचाना संभव नहीं है.
 

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