नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश कुमार पर करप्शन का आरोप लगाने वाली याचिका को फ़िज़ूल की व कोर्ट का समय ख़राब करने वाली याचिका बताते हुए याचिककर्ता पर 1 लाख का जुर्माना बरकरार रखा है. कोर्ट ने याचिककर्ता की पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए 1 हफ्ते के अंदर जुर्माना देने का आदेश दिया है.
दरअसल मिथिलेश कुमार ने पिछले साल स्लीपर घोटाले में करप्शन का आरोप लगाते हुए सीबीआइ जांच की मांग के साथ याचिका दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका ख़ारिज करने के साथ-साथ याचिकाकर्ता को बेवजह अदालत का कीमती वक्त बर्बाद करने के लिए 1 लाख का जुर्माना भी लगाया था.
गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार को भी एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक की मिनी विधानसभा को शिफ्ट करने से संबंधित याचिका दाखिल करने वाले याचिककर्ता को बेवजह अदालत का वक्त बर्बाद करने के लिए 25 लाख का जुर्माना लगाया था.
दरअसल मिथिलेश कुमार ने पिछले साल स्लीपर घोटाले में करप्शन का आरोप लगाते हुए सीबीआइ जांच की मांग के साथ याचिका दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका ख़ारिज करने के साथ-साथ याचिकाकर्ता को बेवजह अदालत का कीमती वक्त बर्बाद करने के लिए 1 लाख का जुर्माना भी लगाया था.
गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार को भी एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक की मिनी विधानसभा को शिफ्ट करने से संबंधित याचिका दाखिल करने वाले याचिककर्ता को बेवजह अदालत का वक्त बर्बाद करने के लिए 25 लाख का जुर्माना लगाया था.
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