बिहार में कोरोनावायरस (Bihar Coronavirus) की दूसरी लहर में 80 से ज्यादा डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की मौत हुई है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा की गई 50 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि की घोषणा के बाद भी आज तक मात्र चार डॉक्टर के परिवार वालों को ये राशि राज्य में मिल पाई है. आखिर ऐसा क्यों हो रहा है.
IMA के उपाध्यक्ष डॉक्टर सहजानंद ने इस बारे में कहा, 'हमारे जिन डॉक्टरों की मौत हुई है, अगर प्रोत्साहन राशि नहीं मिलेगी तो डॉक्टर जो जी-जान पर खेल कर काम कर रहे हैं, उनके मनोबल पर असर होगा.'
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विशेषज्ञों की मानें तो इस बार वायरस के खतरनाक स्ट्रेन के कारण भी डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ की समय पर इलाज मिलने के बावजूद मौत हुई है, हालांकि इनके पास कोई और विकल्प नहीं था. IMA के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार ने कहा, 'बिहार में ऐसा मैंने कभी नहीं सुना था कि यंग डॉक्टर 25-26 साल के, उनकी मौत हुई हो. हॉस्पिटल में मास्क लगाने के बाद भी कोरोना हो गया.'
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सवाल हैं कि IMA को आखिर अपने मृतक सहयोगियों के परिवार वालों को मदद करने के लिए पूरे देश में चंदा क्यों मांगना पड़ रहा है. डॉक्टर सहजानंद ने बताया कि अभी तक बिहार सरकार की सिफारिश पर ही केंद्र सरकार मदद देती है.
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