- तेज प्रताप ने माता-पिता के कथित मानसिक उत्पीड़न की सख्त और निष्पक्ष जांच की मांग पीएम और बिहार सरकार से की है
- तेज प्रताप ने रोहिणी के आरोपों का समर्थन करते हुए पार्टी के टिकट वितरण में भ्रष्टाचार और चापलूसी की आलोचना की
- उन्होंने संजय यादव के खिलाफ FIR दर्ज कराने की मांग की. यदि परिवार के सदस्य संग किसी प्रकार का उत्पीड़न हुआ हो
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने अपनी बहन रोहिणी आचार्य के आरोपों का खुलकर समर्थन करते हुए एक बड़ा राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है. मंगलवार को तेज प्रताप ने प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बिहार सरकार से अपने माता-पिता, लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के कथित मानसिक उत्पीड़न के मामले की तत्काल, निष्पक्ष और सख्त जांच कराने की गुहार लगाई है.
महुआ सीट से चुनाव हार चुके तेज प्रताप यादव ने अपने 'एक्स' हैंडल पर पोस्ट करते हुए रोहिणी आचार्य के उन हालिया आरोपों का समर्थन किया, जो उन्होंने अपने भाई तेजस्वी यादव और उनके सहयोगी संजय यादव पर लगाए थे.
"जयचंद" कर रहे माता-पिता पर दबाव
तेज प्रताप यादव ने अपनी पोस्ट में गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा, “कहा जा रहा है कि कुछ जयचंद, मेरे माता-पिता पर मानसिक और शारीरिक दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. यदि इसमें थोड़ी भी सच्चाई है तो यह सिर्फ हमारे परिवार पर हमला नहीं है, बल्कि राजद की आत्मा पर सीधा प्रहार है. मैं प्रधानमंत्री, अमित शाह जी और बिहार सरकार से विनम्र अनुरोध करता हूं कि इस मामले की निष्पक्ष, सख्त और त्वरित जांच कराई जाए.”

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उन्होंने पार्टी के भीतर टिकट वितरण में गड़बड़ियों और चापलूसों की राजनीति पर भी निशाना साधा. उनके अनुसार, पैसों के बदले टिकट दिए गए और वर्षों तक राजद को खड़ा करने वाले समर्पित कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर दिया गया।. उन्होंने संजय यादव, रमीज नेमत खान और प्रीतम यादव जैसे लोगों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की, यदि रोहिणी आचार्य, राबड़ी देवी या लालू प्रसाद के साथ बदसलूकी, धक्का-मुक्की, गाली-गलौज या किसी भी तरह का उत्पीड़न हुआ हो. उन्होंने कहा, "मेरे पिता पहले से ही बीमार हैं, वह ऐसा भावनात्मक दबाव बर्दाश्त नहीं कर सकते."
रोहिणी आचार्य का गंभीर आरोप
यह पूरा मामला रोहिणी आचार्य के सनसनीखेज आरोपों के बाद शुरू हुआ. पिता लालू को अपनी किडनी दान करने वाली रोहिणी आचार्य ने रविवार को आरोप लगाया था कि उन्हें गंदी गालियां दी गईं. उन्होंने दावा किया कि उन्हें कहा गया कि उन्होंने अपने पिता को गंदी किडनी देकर उसके बदले करोड़ों रुपये और टिकट लिया है. आचार्य ने आरोप लगाया कि पार्टी की चुनावी हार के बाद, उन्हें तेजस्वी यादव के सहयोगियों द्वारा माता-पिता के घर से निकाल दिया गया, जिसके बाद वह दिल्ली चली गईं.
रोहिणी आचार्य ने तेजस्वी यादव और संजय यादव पर कटाक्ष करते हुए लिखा था कि हर विवाहित महिला को अपने भाई के लिए ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए, भाई को खुद किडनी देनी चाहिए या हरियाणा वाले दोस्त को. तेज प्रताप यादव ने अपनी बहन के प्रति एकजुटता दिखाते हुए कहा, "हमारी बहन का अपमान किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. रोहिणी दीदी के साथ जो हुआ, उसने मुझे भीतर तक हिला दिया है. मेरे साथ जो हुआ, उसे सह लिया, लेकिन अपनी बहन का अपमान नहीं सह सकता."
इस मामले पर अभी तक तेजस्वी यादव या राजद की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन लालू परिवार के भीतर का यह विवाद अब राष्ट्रीय स्तर पर जांच की मांग के साथ एक गंभीर मोड़ ले चुका है.
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