
- बिहार के नवादा जिले के दतरौल गांव में करमा पर्व के दौरान तालाब में डूबने से चार महिलाओं की मौत हुई
- घटनास्थल पर बनी गहरी खाई के कारण महिलाओं को बचाने गई अन्य महिलाएं भी डूब गईं और गंभीर घायल हुईं
- मृतकों में पंचायत समिति सदस्य कृष्णा पासवान की दो बेटियां और शंभु पासवान की पत्नी व बेटी शामिल हैं
बिहार के नवादा में स्थित पकरीबरावां थाना क्षेत्र के दतरौल गांव में करमा पर्व के मौके पर मंगलवार को स्नान के दौरान बड़ा हादसा हो गया. तालाब में डूबने से दो सगी बहनों समेत चार महिलाओं की मौत हो गई जबकि एक किशोरी की हालत गंभीर है. किशोरी को पकरीबरावां अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस घटना से पूरे गांव में मातम पसर गया है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, भाई की लंबी उम्र और सलामती के लिए करमा पर्व पर गांव की महिलाएं और लड़कियां व्रत रखकर तालाब में स्नान करने गई थीं. स्नान के दौरान अचानक एक लड़की गहरे पानी में डूबने लगी और उसे बचाने के लिए अन्य लड़कियां और महिलाएं भी तालाब में उतर गईं. लेकिन वहां बनी गहरी खाई के कारण सभी एक-एक कर डूबने लगीं और देखते ही देखते खुशियों का पर्व मातम में बदल गया.
इस दर्दनाक हादसे में पंचायत समिति सदस्य कृष्णा पासवान की 18 वर्षीय बेटी पूजा और 12 वर्षीय बेटी अनामिका, शंभु पासवान की पत्नी ज्योति देवी और उनकी 11 वर्षीय बेटी खुशबू की मौत हो गई. वहीं, राजेंद्र पासवान की बेटी प्रियंका को किसी तरह बाहर निकाला गया, लेकिन उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है. उसे पकरीबरावां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत नाजुक बताई.
घटना की सूचना मिलते ही आसपास के ग्रामीणों की भारी भीड़ तालाब के किनारे जुट गई. लोगों ने आनन-फानन में डूब रहे लोगों को निकालने का प्रयास किया, लेकिन तब तक चार जिंदगियां खत्म हो चुकी थीं. शवों को बाहर लाते ही परिवारजनों में कोहराम मच गया. पूरे गांव में मातमी सन्नाटा छा गया है.
ग्रामीणों का कहना है कि तालाब में काफी समय से गहरी खाई बनी हुई है, लेकिन इसकी ओर कभी ध्यान नहीं दिया गया. प्रशासन और पंचायत स्तर पर जलाशय की देखरेख न होने के कारण यह हादसा हुआ है. लोगों ने प्रशासन से मांग की कि तालाब की तत्काल सफाई और सुरक्षा के उपाय किए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.
इधर, घटना की जानकारी मिलते ही पकरीबरावां पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया. मृतकों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाने की तैयारी की जा रही है. वहीं, प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है. करमा पर्व के दिन घटी इस घटना ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया है. लोगों का कहना है कि इस हादसे ने न केवल चार परिवारों की खुशियां छीन लीं, बल्कि पूरे गांव को शोक में डुब दिया है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं