 
                                            मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
                                                                                                                        - नोटबंदी पर लोगों की समस्याओं को जोरदार तरीके से उठाएगी जेडीयू
- 50 दिन बाद पार्टी की रणनीति को लेकर आला नेता करेंगे समीक्षा
- विज्ञापनों के सहारे कैशलेस व्यवस्था चाहती है मोदी सरकार- नीतीश
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                                                                                पटना: 
                                        बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नोटबंदी पर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की क्या भूमिका होगी, इसकी समीक्षा के लिए पार्टी के आला नेताओं की एक बैठक बुलाई जाएगी.
हर सोमवार को लोक संवाद के बात पत्रकारों से बातचीत करते उन्होंने कहा कि नोटबंदी पर वे अपने फैसले पर कायम हैं कि केवल नोटबंदी से कालेधन पर लगाम नहीं लगाई जा सकती है. इसके लिए बेनामी संपत्ति और शराबबंदी को भी लागू करना होगा.
उन्होंने कहा कि नोटबंदी पर लोगों को हो रही परेशानी के लिए प्रधानमंत्री ने 50 दिन का समय मांगा था, जिसकी मियाद पूरी होने जा रही है. उन्होंने कहा कि 50 दिन बाद भी लोगों की परेशानी जस की तस रहेंगी, उनमें कोई सुधार नहीं होने वाला है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नोटबंदी की व्यवस्था को लेकर केन्द्र सरकार की चूक को उनकी पार्टी प्रमुखता से उठाएगी. इसके लिए क्या रणनीति तैयार की जाएगी, इसका फैसला पार्टी के सभी नेता मिलकर करेंगे. पार्टी की कोर बैठक की तारिख के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने बताया कि फिलहाल उनके सामने सिखों के प्रकाश पर्व और बोधगया में कालचक्र को सफलतापूर्वक संपन्न कराना प्राथमिकता है.
कैशलेस अर्थव्यवस्था पर जेडीयू प्रमुख ने कहा कि भारत जैसे विशाल मुल्क में कैशलेस अर्थव्यवस्था संभव नहीं है. पहले सरकार को अपने सिस्टम को दुरुस्त करना होगा. उन्होंने मोदी सरकार पर तंज कसा कि केवल विज्ञापन के भरोसे व्यवस्था को सुधारा नहीं जा सकता, इसके लिए जमीन पर उतकर काम करना होगा.
उन्होंने कहा कि सरकार का सारा ध्यान विज्ञापनों के जरिए कैशलेस व्यवस्था खड़ी करने पर हैं जबकि इसके लिए संसाधन और साजोसामान कैसे और कितना चाहिए, किसी के ध्यान में नहीं है.
      
                                                                                 
                                                                                
                                                                                                                        
                                                                                                                    
                                                                        
                                    
                                हर सोमवार को लोक संवाद के बात पत्रकारों से बातचीत करते उन्होंने कहा कि नोटबंदी पर वे अपने फैसले पर कायम हैं कि केवल नोटबंदी से कालेधन पर लगाम नहीं लगाई जा सकती है. इसके लिए बेनामी संपत्ति और शराबबंदी को भी लागू करना होगा.
उन्होंने कहा कि नोटबंदी पर लोगों को हो रही परेशानी के लिए प्रधानमंत्री ने 50 दिन का समय मांगा था, जिसकी मियाद पूरी होने जा रही है. उन्होंने कहा कि 50 दिन बाद भी लोगों की परेशानी जस की तस रहेंगी, उनमें कोई सुधार नहीं होने वाला है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नोटबंदी की व्यवस्था को लेकर केन्द्र सरकार की चूक को उनकी पार्टी प्रमुखता से उठाएगी. इसके लिए क्या रणनीति तैयार की जाएगी, इसका फैसला पार्टी के सभी नेता मिलकर करेंगे. पार्टी की कोर बैठक की तारिख के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने बताया कि फिलहाल उनके सामने सिखों के प्रकाश पर्व और बोधगया में कालचक्र को सफलतापूर्वक संपन्न कराना प्राथमिकता है.
कैशलेस अर्थव्यवस्था पर जेडीयू प्रमुख ने कहा कि भारत जैसे विशाल मुल्क में कैशलेस अर्थव्यवस्था संभव नहीं है. पहले सरकार को अपने सिस्टम को दुरुस्त करना होगा. उन्होंने मोदी सरकार पर तंज कसा कि केवल विज्ञापन के भरोसे व्यवस्था को सुधारा नहीं जा सकता, इसके लिए जमीन पर उतकर काम करना होगा.
उन्होंने कहा कि सरकार का सारा ध्यान विज्ञापनों के जरिए कैशलेस व्यवस्था खड़ी करने पर हैं जबकि इसके लिए संसाधन और साजोसामान कैसे और कितना चाहिए, किसी के ध्यान में नहीं है.
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