विज्ञापन

यादवों से दूरी, 'KK' पर भरोसा, नीतीश कुमार के टिकट बंटवारे का जातिगत समीकरण समझिए

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जदयू ने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. इसमें नीतीश कुमार ने सोशल इंजीनियरिंग का पूरा ख्याल किया है.

यादवों से दूरी, 'KK' पर भरोसा, नीतीश कुमार के टिकट बंटवारे का जातिगत समीकरण समझिए
  • जेडीयू ने बिहार चुनाव की पहली सूची जारी की है जिसमें नीतीश कुमार की सामाजिक इंजीनियरिंग स्पष्ट दिख रही है
  • नीतीश ने यादव जाति से बचते हुए कुर्मी, कुशवाहा, मंडल, धानुक, राजपूत और भूमिहार जातियों पर अधिक भरोसा किया है
  • महागठबंधन ने सवर्ण वर्ग की ओर भी दायरा बढ़ाया है जबकि एनडीए पुरानी रणनीति से टिकट वितरण कर रहा है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
पटना:

JDU Candidate List: जनता दल (यूनाइटेड) ने बिहार विधानसभा चुनाव की पहली लिस्ट जारी हुई है. इसमें नीतीश कुमार की सोशल इंजीनियरिंग की झलक साफ दिख रही है. एक सरसरी निगाह में नीतीश कुमार भी यहां बिहार की बहुसंख्यक जाति यादव से बचते नजर आ रहे हैं. नीतीश कुमार फिर से कुर्मी , कुशवाहा , मंडल , धानुक , राजपूत और भूमिहार पर ही दांव खेल रहे हैं . कहीं से भी कोई नयापन नहीं है. 

उदाहरण के लिए समता पार्टी काल से ही सहयोगी रहे बैकुंठपुर , गोपालगंज के पूर्व विधायक मंजीत सिंह को पड़ोस वाले बरौली क्षेत्र से टिकट मिला है. इसी बरौली से पहली बार सन 1972 में मंजीत सिंह के पिता बाबू ब्रज किशोर नारायण सिंह विधायक बने थे. यह इनका गृह क्षेत्र भी है. उसी तरह से भूमिहारों के चित्तौड़गढ़ बरबीघा, शेखपुरा से डॉ कुमार पुष्पांजय को टिकट मिला है . इनके पिता स्व आर पी शर्मा पड़ोस के कुर्मी बाहुल्य आस्थावाँ , नालंदा से विधायक होते थे. अब इस आस्थावां से लालू जी ने भूमिहार उम्मीदवार उतारा है. 

JDU List: सीटिंग विधायकों के टिकट कटे, चिराग के दावे वाली सीटों पर कैंडिडेट, जदयू की पहली लिस्ट की बड़ी बातें 

एनडीए और महागठबंधन दोनों क्षेत्र के हिसाब से अपने उम्मीदवार उतार रहे हैं . लालू जी ने अपना दायरा यादव और मुस्लिम से बढ़ा कर सवर्ण की तरफ़ हो रहे हैं तो एनडीए अपनी पहली झलक में अपने पुराने स्टाइल में ही टिकट बांट रही है.  लेकिन यह तय है कि आखिरकार जीत उसी की होगी जिन्हें अति पिछड़ा समाज का वोट मिलेगा. इस वर्ग की खासियत यह होती है कि ये साइलेंट वोटर होते हैं और जो नेता इन्हें सामाजिक सुरक्षा का वादा करते हैं , ये उन्हीं को चुनते हैं.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के उम्मीदवारों को विधानसभा चुनाव के टिकट सौंपे. इस बार पार्टी ने प्रेस कान्फ्रेंस की परंपरा को दरकिनार करते हुए सीधे मुख्यमंत्री आवास से टिकट वितरण किया. मुख्यमंत्री आवास पर पूरे दिन हलचल रही, जहां टिकट की उम्मीद में बुलाए गए प्रत्याशी आते-जाते रहे.

पहली लिस्ट में 57 में से 30 नए चेहरों को मौका, जेडीयू के टिकट बंटवारे का मतलब समझिए

जदयू की पहली लिस्ट में एक भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं है. जबकि इसमें 5 मंत्रियों के नाम और 30 नए चेहरे शामिल किए गए हैं. पटना में एक नाटकीय ड्रामा भी सामने आया, जब गोपालपुर विधायक गोपाल मंडल बिना अनुमति मुख्यमंत्री आवास पहुंच गए. उनकी हरकतों से नाराज नीतीश ने उन्हें मिलने से मना कर दिया. सुरक्षा कर्मियों ने मंडल को जब अंदर जाने से रोका तो वो धरने पर बैठ गए.

मंडल भागलपुर जिले से आते हैं, उनका जदयू सांसद अजय मंडल से विवाद चल रहा है.अजय मंडल ने भी यह आरोप लगाते हुए इस्तीफे की पेशकश की कि उनके क्षेत्र में टिकट उनकी सलाह के बिना बांटे जा रहे हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com