बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में बृहस्पतिवार को उस समय हंगामा मच गया जब विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) यह कह कर सदन से बाहल निकल गए कि वह तबतक नहीं लौटेंगे जब तक उनके खिलाफ ‘‘भ्रामक बयान'' देने का आरोप लगाने वाले मंत्री ‘‘माफी नहीं मांगते या इस्तीफा नहीं देते. समस्या तब शुरू हुई जब ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने भोजनावकाश से पहले सत्र में सदन को बताया कि मनरेगा के संबंध में यादव के एक प्रश्न के जवाब में उनके विभाग द्वारा प्रस्तुत आंकड़े सही थे और ऐसा लगता है कि विपक्षी नेता एक अनौपचारिक वेबसाइट से निकाले गए ‘‘भ्रामक'' आंकड़े सदन में पेश किए थे.
इससे यादव और कुमार के बीच शुरू वाकयुद्ध पर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को कहना पड़ा कि व्यक्तिगत हमलों को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया जाएगा. यादव ने अपना मोबाइल फोन निकालकर एक वेबसाइट पर लॉगइन किया जिसका उन्होंने बुधवार को उल्लेख किया था और अध्यक्ष को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मुझे मंत्री के उस कथन से बहुत दुख हुआ है कि मैंने झूठ बोला है. मैं उनसे माफी की मांग करता हूं.''
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यादव ने कहा, ‘‘हम लोग मुद्दों को उठाने के लिए इस सदन में आते हैं, लेकिन अगर सरकार का यही रवैया है तो मेरे यहां रहने का कोई मतलब नहीं है. मैं इस सदन में तब तक नहीं लौटूंगा जब तक कि मंत्री माफी नहीं मांग लेते या इस्तीफा नहीं दे देते.''
मंत्री की टिप्पणी से नाराज होकर सदन से चले जाने से स्तब्ध उनकी पार्टी राजद और वाम दलों के विधायक भी बहिर्गमन कर गए. भोजनावकाश के दौरान अध्यक्ष ने यादव और कुमार को ग्रामीण विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अपने कक्ष में बुलाया.
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सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि मंत्री और विपक्ष के नेता दोनों ने एक ही वेबसाइट का हवाला दिया है. उनके द्वारा उद्धृत आंकड़ों में विसंगतियां संबंधित अधिकारियों द्वारा अनुचित अद्यतनीकरण के कारण हो सकती हैं.आवश्यक कार्रवाई की सलाह दी गई है.''
अध्यक्ष के राजद के मुख्य सचेतक ललित यादव से प्रतिपक्ष के नेता से वापस आने का अनुरोध करने के लिये कहने पर सभी विपक्षी विधायक वेश्म में आ गए और हंगामा करने लगे जिस कारण सदन की कार्यवाही लगभग आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई.
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद मंत्री उठे और कहा, ‘‘मेरा इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था. मैं केवल यह चाहता था कि विपक्ष के नेता यह स्वीकार करें कि मैं गलत आंकडे के साथ नहीं आया था, जैसा कि उन्होंने कल आरोप लगाया था.
अध्यक्ष ने दोबारा ललित यादव से तेजस्वी के सदन आने के लिये अनुरोध करने को कहा. लौटने पर प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि वह पिछली बातों को भूलने को तैयार हैं. साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि मंत्री सदन के सामने स्वीकार करते हैं कि मैंने उनके अपने विभाग का ही आंकड़ा प्रस्तुत किया था.
हालांकि अध्यक्ष ने युवा नेता को मामले को छोड़ देने की सलाह दी और आश्वासन दिया कि विभाग सदन की सलाह के अनुसार आंकड़ों के संकलन के संबंध में सुधारात्मक कार्रवाई करेगा.
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