जेडीयू ने आरोपी नेता हमीदा असगरी के मामले से खुद को अलग कर लिया है....
पटना/दरभंगा:
बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) की परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र और उत्तर लीक होने के मामले के बाद सत्ताधारी जनता दल (युनाइटेड) की एक नेता की घूसखोरी का मामला सामने आया है. निजी चैनलों द्वारा किए गए स्टिंग में जेडीयू की एक नेता पांच लाख रुपये में नौकरी दिलाने का दावा करती देखी जा रही हैं. इस बीच जेडीयू ने कहा है कि भ्रष्टाचार की आरोपी महिला नेता को पार्टी निलंबित करेगी. घूसखोरी के इस मामले में दरभंगा के लहेरियासराय थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है.
पुलिस के अनुसार, बिहार की जिला अदालतों में चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के लिए चल रही भर्ती प्रक्रिया में धांधली का स्टिंग ऑपरेशन सामने आया है, जिसमें एक महिला हमीदा असगरी खुद को जेडीयू की अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की महासचिव बताते हुई पांच लाख रुपये में नौकरी दिलाने का दावा कर रही हैं. इस स्टिंग ऑपरेशन में हमीदा असगरी दरभंगा के एक अभ्यर्थी से पांच लाख रुपये की डील करती नजर आ रही हैं. वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने इस मामले से खुद को अलग कर लिया है. जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि हमीदा का पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है, कानून अपना काम करेगा. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि पहले हमीदा का निलंबन होगा और फिर उनके निष्कासन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. पहले उन्होंने कहा था कि हमीदा उनकी पार्टी की कोई पदाधिकारी नहीं हैं.
बाद में कहा, "अगर यह बात सामने आई है, तब पहले पूरी रिपोर्ट मांगी जाएगी और तब उनका निलंबन होगा. पार्टी में यही नियम है." दरभंगा के उसम गांव निवासी अभ्यर्थी प्रशांत कुमार और मधुबनी जिले के मुनीराबाद गांव निवासी मोहम्मद उस्मान के बयान पर ठगी के आरोप के तहत लहेरियासराय थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. दरभंगा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सत्यवीर सिंह ने शनिवार के बताया कि दर्ज प्राथमिकी में हमीदा असगरी सहित छह लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है. इन पर नौकरी के नाम पर पांच लाख रुपये की ठगी का आरोप है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. आरोप है कि जिला अदालतों में चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के लिए हुई परीक्षा में पैसे देने के बाद भी इन युवकों को नौकरी नहीं मिली. उल्लेखनीय है कि हाल ही में बीएसएससी की इंटरमीडिएट स्तर की परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक होने का मामला प्रकाश में आया है. सरकार ने यह परीक्षा रद्द कर दी है.
पुलिस के अनुसार, बिहार की जिला अदालतों में चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के लिए चल रही भर्ती प्रक्रिया में धांधली का स्टिंग ऑपरेशन सामने आया है, जिसमें एक महिला हमीदा असगरी खुद को जेडीयू की अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की महासचिव बताते हुई पांच लाख रुपये में नौकरी दिलाने का दावा कर रही हैं. इस स्टिंग ऑपरेशन में हमीदा असगरी दरभंगा के एक अभ्यर्थी से पांच लाख रुपये की डील करती नजर आ रही हैं. वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने इस मामले से खुद को अलग कर लिया है. जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि हमीदा का पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है, कानून अपना काम करेगा. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि पहले हमीदा का निलंबन होगा और फिर उनके निष्कासन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. पहले उन्होंने कहा था कि हमीदा उनकी पार्टी की कोई पदाधिकारी नहीं हैं.
बाद में कहा, "अगर यह बात सामने आई है, तब पहले पूरी रिपोर्ट मांगी जाएगी और तब उनका निलंबन होगा. पार्टी में यही नियम है." दरभंगा के उसम गांव निवासी अभ्यर्थी प्रशांत कुमार और मधुबनी जिले के मुनीराबाद गांव निवासी मोहम्मद उस्मान के बयान पर ठगी के आरोप के तहत लहेरियासराय थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. दरभंगा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सत्यवीर सिंह ने शनिवार के बताया कि दर्ज प्राथमिकी में हमीदा असगरी सहित छह लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है. इन पर नौकरी के नाम पर पांच लाख रुपये की ठगी का आरोप है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. आरोप है कि जिला अदालतों में चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के लिए हुई परीक्षा में पैसे देने के बाद भी इन युवकों को नौकरी नहीं मिली. उल्लेखनीय है कि हाल ही में बीएसएससी की इंटरमीडिएट स्तर की परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक होने का मामला प्रकाश में आया है. सरकार ने यह परीक्षा रद्द कर दी है.
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Hamida Asgari, JDU, बिहार कर्मचारी चयन आयोग, बीएसएससी, जनता दल युनाइटेड, नीतिश कुमार, Nitish Kumar, बिहार समाचार, Bihar News In Hindi