- CM नीतीश कुमार ने कहा कि 2005 में बिहार में अपराध और अराजकता का माहौल था, जिसे सुधारने का काम किया
- सरकार ने कानून-व्यवस्था बेहतर कर शांति, भाईचारे का वातावरण बनाकर बिहार की तस्वीर पूरी तरह बदल दी
- शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए योजनाएं शुरू की गईं, जिससे खासकर लड़कियों की पढ़ाई में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई
विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र कहलगांव में एनडीए प्रत्याशी शुभानंद मुकेश के समर्थन में आयोजित जनसभा को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संबोधित किया. अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा, "24 नवंबर 2005 को जब हमारी सरकार बनी, तब बिहार की स्थिति बेहद ही खराब थी. उस समय शाम के बाद लोग घर से बाहर निकलने से डरते थे और चारों ओर अपराध और अराजकता का माहौल था. हमने सत्ता में आने के बाद सबसे पहले कानून-व्यवस्था को दुरुस्त करने का किया और राज्य में शांति व भाईचारे का माहौल तैयार किया."
बिहार की तस्वीर पूरी तरह से बदल गई
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पहले के शासन में भय और असुरक्षा का माहौल था, लेकिन आज स्थिति पूरी तरह से अलग है. उन्होंने कहा, "अब चाहे लड़का हो या लड़की, बुजुर्ग हो या जवान सभी निर्भय होकर अपने काम के लिए कहीं भी जा सकते हैं." सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "हमने राज्यभर में सड़कों, स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक भवनों को बनवाने का काम किया है. इससे बिहार की तस्वीर पूरी तरह से बदल गई है." इसके साथ ही सीएम ने शिक्षा क्षेत्र में सुधार पर भी बात की.
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शिक्षा और शिक्षकों पर क्या बोले सीएम
शिक्षा के क्षेत्र में सुधार पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले बच्चे ठीक से पढ़ नहीं पाते थे. हमने स्कूलों में सुधार किया और भोजन योजना, पोशाक योजना, साइकिल योजना जैसी पहल शुरू कीं, जिससे खासकर लड़कियों की शिक्षा में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी हुई. हमने नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई है. बीपीएससी के माध्यम से शिक्षक बहाली की प्रक्रिया शुरू की. जहां पहले चरण में 28,976 शिक्षक शामिल हुए थे. अब तक तीन चरणों की परीक्षा पूरी हो चुकी है, जिसमें 2 लाख 62 हजार से अधिक नियोजित शिक्षक सफल हुए हैं. कुल 5 लाख 30 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की दिशा में काम हो रहा है.
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का भी जिक्र
स्वास्थ्य व्यवस्था पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे आने से पहले स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बेहद खराब थी. लेकिन अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर महिला स्वास्थ्य सेवाओं तक में बड़ा सुधार हुआ है. हर क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाएं बढ़ाई गई हैं. पहले हिंदू-मुस्लिम विवाद आम बात थी. हमने साल 2006 में कब्रिस्तानों की घेराबंदी कराई, जिससे झगड़े खत्म हुए. साल 2016 से मंदिरों की भी घेराबंदी शुरू की गई ताकि चोरी-छिपे किसी तरह की घटना न हो आज बिहार में शांति और सद्भाव का वातावरण है."
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