बिहार में वर्ष 2015 की तुलना में 2016 में अपराधों में कमी आई (प्रतीकात्मक फोटो).
पटना:
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आकड़ों में पूरे देश में बिहार 22 वें स्थान पर है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के साल 2016 के आंकड़ों के अनुसार बिहार में अपराध में कमी आई है. वर्ष 2015 के आकड़ों के अनुसार बिहार में एक लाख 76 हजार 965 आपराधिक घटनाएं हुई थीं जबकि 2016 में एक लाख 64 हजार 173 आपराधिक घटनाएं दर्ज की गईं.
आंकड़ों की मानें तो हत्या के मामले में बिहार को दूसरे स्थान पर बताया गया है. वर्ष 2015 में पूरे देश में हत्या के 30 हजार 450 मामले सामने आए थे, जिसमें बिहार में 2581 वारदातें हुईं. इसमें से ज्यादातर हत्याएं आपसी दुश्मनी एवं संपत्ति विवाद में की गईं. अधिकांश मामले जमीनी विवाद में हत्या एवं लूट के दर्ज किए गए हैं.
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अपहरण के मामले में बिहार को तीसरे स्थान पर बताया गया है. पूरे देश में अपहरण के कुल 88 हजार आठ मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें से बिहार में सात हजार 324 मामले दर्ज किए गए. इन मामलों में कम ही ऐसे हैं जिनमें पैसे के लिए अपहरण किए गए. ज्यादातर मामलों में संपत्ति विवाद एवं शादी की नीयत से अपहरण किए गए.
दलितों पर अत्याचार के मामलों में बिहार दूसरे स्थान पर है. इसमें पहले स्थान पर उत्तरप्रदेश को बताया गया है. पूरे देश में कुल 40 हजार 801 दलित अत्याचार की घटनाएं दर्ज की गईं, वहीं बिहार में पांच हजार 401 मामले दर्ज किए गए. इसमें दलितों के घर जलाने एवं सार्वजनिक तौर पर दलितों को जलील करने की घटनाएं हुईं.
VIDEO : बिहार में जंगल राज
गौरतलब है कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों में शांति भंग करने के मामले में पूरे देश में सबसे ज्यादा मामले बिहार में हुए हैं. पूरे देश में कुल 72 हजार 829 मामले शांति भंग करने के दर्ज किए गए. इसमें अकेले बिहार में 18.02 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए.
आंकड़ों की मानें तो हत्या के मामले में बिहार को दूसरे स्थान पर बताया गया है. वर्ष 2015 में पूरे देश में हत्या के 30 हजार 450 मामले सामने आए थे, जिसमें बिहार में 2581 वारदातें हुईं. इसमें से ज्यादातर हत्याएं आपसी दुश्मनी एवं संपत्ति विवाद में की गईं. अधिकांश मामले जमीनी विवाद में हत्या एवं लूट के दर्ज किए गए हैं.
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