केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह ने बिहार चुनाव के दौरान बुर्के में वोटिंग को लेकर एक बार फिर तीखा बयान दिया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने बुर्के को लेकर कुछ भी गलत नहीं कहा है और उनका उद्देश्य केवल चुनाव आयोग के नियमों का पालन सुनिश्चित करना है. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग बुर्के के मुद्दे को शरिया कानून से जोड़कर अनावश्यक रूप से राजनीतिक रंग दे रहे हैं.
गिरिराज सिंह ने तीखा सवाल उठाया कि जब लोग एयरपोर्ट पर जाते हैं, आधार कार्ड बनवाते हैं या सरकारी सेवाओं का लाभ लेते हैं, तब बुर्का हटता है. उन्होंने विपक्ष पर "पॉलिटिकल" करने का आरोप लगाते हुए कहा, "मैं पूछना चाहता हूं कि जब एयरपोर्ट पर जाते हैं तो यह बुर्का नहीं उठता है? जब आधार बनाने जाते हैं, बुर्का नहीं उठता है? जब यह सरकारी सेवाओं का लाभ लेते हैं तब बुर्का नहीं उठता है? पॉलिटिकल मत करें." मंत्री ने साफ चेतावनी दी कि "जो भी गड़बड़ करेगी, बुर्का उठाना ही पड़ेगा."
उन्होंने आरोप-प्रत्यारोप लगाने वाले विपक्ष को "जंगलराज वाले" बताते हुए उन पर रोहिंग्या को वोटर बनाने की कोशिश का गंभीर आरोप लगाया. अंत में, उन्होंने "हम जीत रहे हैं" कहकर अपनी पार्टी की जीत का विश्वास जताया.
गिरिराज सिंह के बुर्के वाले बयान पर समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबू आज़मी ने कहा, "यह देश धर्मनिरपेक्ष है। सबकी अपनी-अपनी आस्था और विश्वास हैं. गिरिराज सिंह जहरीले बयान देते हैं, फिर भी उनके ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं होती. मेरा मानना है कि इस तरह के बेतुके बयान लोगों को बांटने के लिए दिए जा रहे हैं. इस देश में जो भी बुर्का पहनना चाहे, उसे ऐसा करने का अधिकार है और जहां पहचान के लिए बुर्का उठाना जरूरी होगा, वहां पहचान जरूर की जाएगी."
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