
- बेगूसराय में गैंग नंबर 7 नामक सदस्यों वाला गिरोह सीएसपी संचालकों को निशाना बनाता था
- मटिहानी थाना क्षेत्र में सीएसपी संचालक विपिन कुमार से 2 लाख 39 हजार रुपये, लैपटॉप और चेकबुक लूटे थे
- पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी निगरानी से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लूटी गई रकम, हथियार और बाइक बरामद की
बिहार के बेगूसराय की गलियों में दहशत फैलाने वाला एक संगठित गिरोह आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ गया. “गैंग नंबर 7” नाम से चर्चित इस गिरोह ने अपने अपराध का ऐसा पैटर्न बना रखा था, जिससे पुलिस को महीनों तक उनकी भनक तक नहीं लग पाई. सात सदस्यों वाला यह गैंग खासतौर पर सीएसपी (कस्टमर सर्विस प्वॉइंट) संचालकों को ही निशाना बनाता था. दिनदहाड़े लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद ये अपराधी डेढ़ महीने तक पूरी तरह गायब हो जाते थे, ताकि जांच दल उनकी तलाश में भटकता रह जाए. हाल ही में मटिहानी थाना क्षेत्र में सीएसपी संचालक विपिन कुमार से 2.39 लाख रुपये, लैपटॉप और चेकबुक लूटने के मामले ने पुलिस को बड़ा सुराग दिया. जांच में जुटी टीम ने सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी सर्विलांस के आधार पर तीन अपराधियों को धर दबोचा. उनके पास से लूट की रकम का हिस्सा, हथियार और बाइक बरामद हुई. पुलिस अब फरार चार बदमाशों की तलाश में जुटी है.
कैसे हुआ खुलासा?
10 सितंबर को मटिहानी थाना क्षेत्र के खरीदी मोड़ बाबा स्थान के पास सीएसपी संचालक विपिन कुमार से दिनदहाड़े 2 लाख 39 हजार रुपये कैश, लैपटॉप, डिवाइस और चेकबुक लूट लिए गए. इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने डीएसपी आनंद कुमार पांडेय के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की. टीम ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और तकनीकी निगरानी के साथ गुप्त सूचना के आधार पर जांच शुरू की.
सबसे पहले पुलिस ने तेघड़ा थाना क्षेत्र के मरसैती गांव निवासी अमित कुमार को गिरफ्तार किया. पूछताछ में अमित ने कबूल किया कि उसने सात लोगों के साथ मिलकर यह लूट की. उसके पास से 31,800 रुपये नकद और घटना के समय पहने कपड़े बरामद हुए.
इसके बाद टीम ने गिरोह के दो और सदस्यों को धर दबोचा. लाखो थाना क्षेत्र के जगदीशपुर गांव निवासी बबलू महतो उर्फ अखिलेश कुमार को लूट में इस्तेमाल अपाचे बाइक के साथ पकड़ा गया. वहीं, उसी गांव के कुंदन महतो को भी गिरफ्तार किया गया. इन दोनों की निशानदेही पर पुलिस ने लूटा गया बैग, आईडी कार्ड, पंजाब नेशनल बैंक का चेकबुक, पासबुक, एक देसी कट्टा और गोली बरामद की. फिलहाल गिरोह के चार और सदस्य फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है.
गैंग नंबर 7 कैसे करता था काम?
डीएसपी आनंद कुमार पांडेय ने बताया कि यह गैंग बेहद चालाक तरीके से काम करता था. वे किसी बड़ी वारदात के बाद एक से डेढ़ महीने तक पूरी तरह शांत रहते थे, ताकि पुलिस को उन तक पहुंचने का मौका न मिले. इसके बाद फिर से नई वारदात को अंजाम देते थे.
यह गैंग पेशेवर अपराधियों से बना है और अब तक कई वारदातों में शामिल रहा है. जून महीने में भी इस गैंग ने लोहिया नगर थाना क्षेत्र में एक सीएसपी संचालक से 5 लाख 25 हजार रुपये लूटे थे. दोनों मामलों की सीसीटीवी फुटेज जब पुलिस ने मिलाई तो संदिग्धों के कपड़े और फोटो पूरी तरह मैच हो गए.
पुलिस को मिली बड़ी सफलता
बेगूसराय पुलिस के लिए यह कार्रवाई बड़ी सफलता मानी जा रही है. लूट की रकम का कुछ हिस्सा, हथियार और बाइक की बरामदगी ने मामले को मजबूत बना दिया है. पुलिस का दावा है कि फरार चार आरोपियों की गिरफ्तारी भी जल्द हो जाएगी.
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