
- बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में फर्जी नाम और तस्वीरों के साथ आवासीय प्रमाण पत्र के आवेदन किए गए
- सरैया प्रखंड में एक आवेदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम और फोटो लगाकर किया गया था
- एक आवेदनकर्ता ने अपना नाम दरिंदा और पिता का नाम राक्षस लिखकर कार्टून फोटो के साथ आवेदन किया है
बिहार में पिछले दिनों कई ऐसे मामले सामने आए, जिनसे अधिकारियों की खूब किरकिरी हुई. ये सभी मामले आवासीय प्रमाण पत्र के ऑनलाइन आवेदन को लेकर थे, जिनमें कभी सीएम नीतीश कुमार की तस्वीर के साथ लोगों का सर्टिफिकेट बना दिया गया तो कभी कुत्ते और कौवे के प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए. इन मामलों के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने अधिकारियों के खूब मजे लिए. अब ऐसा ही एक और दिलचस्प मामला सामने आया है, जिसमें दरिंदे ने आवासीय प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया, उसने अपने पिता का नाम राक्षस बताया है.
फर्जी नाम से आ रहे हैं आवेदन
फर्जी नाम और तस्वीरों के आवासीय प्रमाण पत्र बनाए जाने के बाद तमाम जिला प्रशासन के अधिकारी अलर्ट मोड पर हैं, अब हर आवेदन पर बारीकी से नजर रखी जा रही है और पूरी कोशिश है कि दोबारा विभाग की किरकिरी न हो. यही वजह है कि मुजफ्फरपुर जिले के दो अलग-अलग प्रखंड में फर्जी नाम से आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए किए गए आवेदन को रद्द कर दिया गया, साथ ही दोनों मामलों को लेकर अब पुलिस में शिकायत भी दर्ज हुई है.
सीएम नीतीश की फोटो लगा आवेदन
पहला मामला मुजफ्फरपुर जिले के सरैया प्रखंड का है, जहां फर्जी तरीके से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम और फोटो लगाकर फर्जी तरीके से आवासीय बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया था, जिसमें मोबाइल नंबर भी गलत अंकित किया गया था. मामला संज्ञान में आने के बाद सरैया के राजस्व कर्मी ने पूरे मामले से वरीय अधिकारियों को अवगत कराते हुए सरैया थाने में प्राथमिकी दर्ज कराया है. जिसके बाद अब सरैया थाने की पुलिस और साइबर पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.
राक्षस के बेटे का आवेदन
वहीं दूसरा मामला मुजफ्फरपुर जिले के औराई प्रखंड से सामने आया है, जहां के राजस्वकर्मी को एक आवेदन मिला, जिसमें आवेदन करने वाले ने अपना नाम दरिंदा और पिता का नाम राक्षस बताया है, साथ ही उसकी माता का नाम कराफटन है. फोटो की जगह इसने कार्टून लगाया है और पता औराई प्रखंड के खेतलपुर का दिया गया है. यह आवेदन 24 जुलाई को किया गया था, लेकिन पहले से ही सतर्क अधिकारियों को इसका पता चलते ही आवेदन को निरस्त कर दिया गया. वहीं मामले की जांच पुलिस को सौंप दी गई है.
इस मामले को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है, पूरे मामले को लेकर राजस्वकर्मी की तरफ से औराई थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. जिसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है. पुलिस का कहना है कि जल्द ऐसा करने वालों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा.
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