- नीतीश कुमार 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करेंगे और समारोह पर सभी की निगाहें टिकी हैं.
- इस शपथ ग्रहण समारोह में करीब 22 मंत्री शपथ ले सकते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उपस्थित होंगे.
- शपथ ग्रहण में 11 वीवीआईपी शामिल होंगे जिनमें गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह प्रमुख हैं.
गुरुवार को नीतीश कुमार 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे. शपथ ग्रहण समारोह पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. माना जा रहा है कि 22 मंत्री नीतीश कुमार के साथ शपथ ले सकते हैं. साथ ही इस समारोह में एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार एक साथ नजर आने वाले हैं. इस शपथ ग्रहण में कई वीवीआईपीज के शामिल होने की उम्मीदें हैं लेकिन 11 नाम ऐसे हैं जिनका समारोह में शामिल होना तय माना जा रहा है. बीजेपी शासित प्रदेशों के वो सीएम भी समारोह में शामिल होंगे जो चुनाव से पहले प्रचार अभियान में शामिल थे.
शपथ ग्रहण के स्पेशल 11
इस शपथ ग्रहण में 11 नाम ऐसे हैं जो VVIP की लिस्ट में हैं और ये नाम कुछ इस तरह से हैं-
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
- गृहमंत्री अमित शाह
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
- उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा
- कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान
- यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ
- एमपी सीएम मोहन यादव
- ओडिशा के सीएम मोहन मांझी
- राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा
- गोवा के सीएम प्रमोद सावंत
- महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस
- दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता
- असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा
- उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी
- आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू
- त्रिपुरा के सीएम माणिक साहा
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सबसे लंबे समय तक राज करने वाले सीएम
जेडीयू के नीतीश कुमार पहले से ही आजाद भारत के आठवें ऐसे सीएम बन गए हैं जिन्होंले लंबे समय तक शासन किया है. अब अगर वह इस कार्यकाल को पूरा करते हैं तो सिक्किम के पूर्व मुख्यमंत्री पवन चामलिंग के 24 साल के कार्यकाल को पीछे छोड़ते हुए अब तक के सबसे लंबे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री बन जाएंगे. भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने बिहार चुनाव में राज्य की 243 सीटों में से 202 पर जीत हासिल करते हुए शानदार जीत हासिल की.
विपक्षी महागठबंधन, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी और वामपंथी गुट शामिल थे, सिर्फ 35 सीटों पर सिमट गया. विपक्ष की हार के पैमाने को समझने के लिए, तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली राजद ने 2015 के चुनाव में अपने दम पर 75 सीटें हासिल कीं, और गठबंधन 110 पर सिमट गया, जो बहुमत के निशान से 12 कम था.
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