फिर आमने-सामने JDU-BJP, CM नीतीश के 'करीबी' मंत्री ने संजय जायसवाल पर साधा निशाना, पढ़ें क्या कहा

विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा, " आप बाहर किसे सुना रहे हैं. तीन पार्टी मिलकर सरकार चला रही है. ऐसे में आपको खुद ही सुधार करना है. सरकार आपकी है, आपस में बैठकर समाधान करिए."

फिर आमने-सामने JDU-BJP, CM नीतीश के 'करीबी' मंत्री ने संजय जायसवाल पर साधा निशाना, पढ़ें क्या कहा

बिहार के ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अरोप प्रत्यारोप विपक्ष का काम है.

पटना:

बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए के घटक दल बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड के बीच जारी खींचतान स्पष्ट है. हर दूसरे दिन दोनों दलों के नेता एक दूसरे पर किसी ना किसी मुद्दे पर हमला बोलते दिखते हैं. इसी क्रम में अब नीतीश मंत्रिमंडल में वरिष्ठ सदस्य और जनता दल यूनाइटेड के नेता विजेंद्र प्रसाद यादव ने बीजेपी पर निशाना साधा है. सीएम नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले नेता ने साफ साफ कहा है कि अपनी ही सरकार की आलोचना करना कहीं से ठीक नहीं है. उन्होंने बिहार बीजेपी के अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल के नाम लिए बिना कहा कि लोगों को बोलने की बीमारी हो गई है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अब केंद्र और राज्य एनडीए में कोई कोऑर्डिनेशन कमिटी है.

'लोगों को बोलने की बिमारी हो गई'

एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात करते हुए बिहार के ऊर्जा मंत्री ने कहा, " अरोप प्रत्यारोप विपक्ष का काम है. सहयोगी ऐसा करें तो ये अच्छी परंपरा की शुरुआत नहीं है. सहयोगियों को अगर किसी मुद्दे पर परेशानी है तो मुख्यमंत्री के साथ बैठकर बातचीत से इसका समाधान निकालना चाहिए. लेकिन लोगों को बोलने की बिमारी हो गई है. पहले मर्यदा और नियंत्रण थी, लेकिन इसमें अब थोड़ी कमी दिख रही है. वाजपेयी जी के समय क्वार्डिनेशन कमेटी भी बनती थी, अब तो ना ये दिल्ली में है ना यहां. समन्वय होना जरूरी है." 

पार्टियों में समन्वय होना चाहिए

विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा, " आप बाहर किसे सुना रहे हैं. तीन पार्टी मिलकर सरकार चला रही है. ऐसे में आपको खुद ही सुधार करना है. सरकार आपकी है, आपस में बैठकर समाधान करिए. कैबिनेट में बैठकर निर्णय होता है. ऐसे में इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए और पार्टियों में समन्वय होना चाहिए. ये जरूरी है." बीजेपी मंत्रियों के आरोप पर उन्होंने कहा कि संविधान में नियम है कि मुख्यमंत्री को सलाह देने के लिए मंत्रिमंडल होता है. ऐसे में ये सवाल कहां से आता है कि उनकी चलती नहीं है. 

गौरतलब है कि बीते दिनों नीतीश कुमार ने भूमि सुधार विभाग के तहत 300 से अधिक कर्मचारियों के तबादले के आदेश पर रोक लगा दी थी. उक्त विभाग बीजेपी कोटा से मंत्री बने विधायक रामसूरत राय के अधीन है. ऐसे में दोनों पार्टियों के बीच इस बात को लेकर तल्खी बढ़ गई. मंत्री ने तो यहां तक कह दिया था कि अगर ऐसा ही हुआ तो वे जनता दरबार में शामिल ही नहीं होंगे.    

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

यह भी पढ़ें -
-- दिल्ली जा रही इंडिगो की फ्लाइट में एक यात्री ने बैग में बम होने का दावा किया, पटना में गिरफ्तार
-- सीएम योगी से मुलाकात के बाद राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने अपना इस्तीफा वापस लिया