
मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी के साथ आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए 4 और 5 अक्टूबर को बिहार का दौरा करेंगे. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
22 नवंबर को पूरा हो रहा है बिहार विधानसभा का कार्यकाल
यह उच्च स्तरीय दौरा राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) आधारित अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के कुछ ही दिनों बाद होगा, जिसे 30 सितंबर को जारी किया जाना है. 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है, जिससे राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस राज्य में चुनाव होने हैं.
अधिकारियों के अनुसार, चुनाव आयोग (ईसी) की टीम आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के लिए प्रशासनिक सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेगी. यह प्रथा है कि चुनाव अधिकारी चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने से पहले जमीनी तैयारी का आंकलन करने के लिए राज्य का दौरा करते हैं.
विपक्षी दलों ने एसआईआर की तीखी आलोचना की
बिहार में विपक्षी दलों ने एसआईआर की तीखी आलोचना की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि इस प्रक्रिया से करोड़ों वास्तविक मतदाता मताधिकार से वंचित हो सकते हैं. हालांकि, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है और कहा है कि इसका उद्देश्य चुनावी प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है.
आगामी त्यौहारी सीजन के कारण चुनौती और भी बढ़ गई है क्योंकि उसी दौरान दिवाली और छठ भी हैं. मतदाताओं को किसी भी प्रकार की परेशानी से बचाने के लिए चुनाव आयोग सतर्क नजर आ रहा है.
साल 2020 में तीन चरणों में हुए थे मतदान
बता दें, 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को तीन चरणों में मतदान हुआ था. जिसके परिणाम 10 नवंबर को घोषित किए गए थे.
2015 में चुनाव 12 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच पांच चरणों में हुए थे. 2010 में चुनाव छह चरणों में हुए थे. वहीं फरवरी 2005 में बिहार में तीन चरणीय चुनाव हुए, जिसके बाद अक्टूबर 2005 में भी तीन चरणीय चुनाव हुए थे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं