- कांग्रेस के सारे नेता रैली के आयोजन में व्यस्त, राहुल गांधी आएंगे
- करीब दो दशक बाद पटना के गांधी मैदान में कांग्रेस की रैली
- कांग्रेस का ध्यान ऐसी सीटों पर जहां जीतने की संभावना अधिक हो
यूं तो बिहार में महागठबंधन के घटक दलों ने मकर सक्रांति के बाद सीटों की संख्या को लेकर घोषणा करने का ऐलान किया था लेकिन अब यह मामला फरवरी के पहले हफ्ते तक टल गया है.
जानकार सूत्रों के अनुसार ऐसा कांग्रेस पार्टी द्वारा अनौपचारिक रूप से पार्टी की तीन फरवरी को पटना में होने वाली रैली के मद्देनजर किया गया है. कांग्रेस का आग्रह है कि वर्तमान में सारे नेता इस रैली के आयोजन में व्यस्त हैं इसलिए तीन फरवरी के बाद ही सीटों की संख्या और नाम के बारे में घोषणा की जाए.
राजद के सूत्रों का कहना है कि पार्टी के बड़े नेताओं की व्यवस्था के मद्देनज़र सीटों के तालमेल के फैसले को टालना लाज़मी है. हालांकि इन सूत्रों का कहना है कि राजद और कांग्रेस में सीटों की संख्या को लेकर कोई ऐसी भी बात नहीं है जिसके कारण बातचीत खटाई में पड़ जाए.
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हालांकि कांग्रेस की अपेक्षा है कि उसे ज़्यादा सीटें मिलें लेकिन उसे इस वास्तविकता का भी अंदाज़ा है कि फ़िलहाल आधे दर्जन घटक दलों के कारण हर घटक की इच्छा के अनुरूप सीटों की संख्या देना बूते से बाहर है. यही कारण है कि कांग्रेस सीटों की संख्या से ज्यादा इस बात पर केंद्रित है कि ऐसी सीटें ली जाएं जहां जीतने की संभावना अधिक हो.
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इस बीच कांग्रेस द्वारा अगले कुछ दिनों में विधिवत रूप से राजद के नेता तेजस्वी यादव को भी कांग्रेस की रैली में भाग लेने के लिए आमंत्रण दिया जाएगा. इस रैली में मुख्य वक्ता के रूप में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मौजूद रहेंगे. पटना में करीब दो दशकों के बाद गांधी मैदान में कांग्रेस द्वारा रैली का आयोजन किया जा रहा है.
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