Bihar Political Crisis: बीजेपी ने एनडीए से हटने और राष्ट्रीय जनता दल नीत विपक्ष के साथ हाथ मिलाने के लिए नीतीश कुमार (Nitish Kumar)पर निशाना साधा है. पार्टी ने फैसले के लिए नीतीश की पीएम पद की महत्वाकांक्षा को जिम्मेदार ठहराते हुए इसे बिहार के लोगों के जनादेश का अपमान और विश्वासघात करार दिया है. बीजेपी नेताओं ने कहा कि वर्ष 2017 में नीतीश ने तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से नाता तोड़ लिया था, ऐसे में अब वह फिर से उसी पार्टी के साथ गठबंधन को कैसे सही ठहराएंगे?
उन्होंने जेडीयू नेता नीतीश कुमार के लिए "पलटूराम" (बार-बार पाला बदलने वाला ) शब्द का इस्तेमाल किया जिसे आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने इस्तेमाल किया था. बीजेपी नेताओं के इन दावों को भी खारिज कर दिया कि उनकी पार्टी, जेडीयू को कमजोर कर रही है. एक समय नीतीश के करीबी रहे और अब उनसे दूरी बना चुके आरसीपी सिंह ने भी नीतीश पर 2020 चुनाव के बीजेपी नीत एनडीए के पक्ष में आए जनादेश का अपमान करने का आरोप लगाया. बिहार बीजेपी के प्रमुख नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने NDTV से बातचीत में कहा, "ये नीतीश जी का फ़ैसला है. जहां तक बीजेपी की बात है तो हमने तो गठबंधन धर्म और गठबंधन की मर्यादा को निभाया है. जब हमारे 63 थे उनके 36 थे तब भी हमने उनको मुख्यमंत्री बनाया. आज नीतीश को ख़रीद फ़रोख़्त नज़र आ रहा है. हम पटना जा रहे हैं ,हम अकेले कुछ नहीं कर सकते. "
पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके नीतीश कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाए ही साथ ही उन्होंने सीएम नीतीश से कुछ सवाल भी पूछे. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मैं सिर्फ आपको याद दिलाना चाहता हूं कि आप हमारे (BJP) साथ कैसे और क्यों आए थे.आज नीतीश जी सांप्रदायिकता की बात करते हैं, लेकिन जिस समय आप बीजेपी के साथ आए थे उस समय देश में राज जन्मभूमि की लड़ाई तेज थी. उन्होंने आगे कहा कि आज आपको बता देता हूं कि आपकी पार्टी में नीतीश कुमार जी आपको बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट करने पर भी लोगों को परेशानी थी. हम लोगों ने आपके लिए बहुत आग्रह किया और दबाव दिया था. जार्ज फर्नांडिस जैसे नेता भी हमारे उस दबाव से सहज नहीं थे. हम सिर्फ आपको याद दिला रहे हैं.
बिहार के वरिष्ठ बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने नीतीश कुमार को नसीहत दी है. उन्होंने कहा है कि, ''उन्हें (नीतीश कुमार) आरजेडी के साथ वह सम्मान नहीं मिलेगा जो उन्हें बीजेपी में रहते हुए मिला. हमने ज्यादा सीटें होने के बावजूद उन्हें सीएम बनाया और कभी उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश नहीं की. हमने तो उन्हें ही तोड़ा जिन्होंने हमें धोखा दिया. महाराष्ट्र में, शिवसेना ने हमें धोखा दिया और परिणाम भुगतने पड़े.'' सुशील मोदी ने कहा कि जेडीयू गठबंधन को तोड़ने का बहाना तलाश रही थी. सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, " यह सरासर सफ़ेद झूठ है कि भाजपा ने बिना नीतीशजी की सहमति के आरसीपी को मंत्री बनाया था. यह भी झूठ है कि भाजपा JDU को तोड़ना चाहती थी. वे तोड़ने का बहाना खोज रहे थे. भाजपा 2024 में प्रचंड बहुमत से आएगी.''नीतीश और जेडीयू के पाला बदलने के फैसले पर पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार बीजेपी प्रमुख संजय जायसवाल ने कहा, "हमने एनडीए के अंतर्गत 2020 का विधानसभा चुनाव साथ लड़ा था. जनादेश जेडीयू और बीजेपी के लिए था. हमने ज्यादा सीटें जीती थीं लेकिन नीतीश कुमार को सीएम बनाया. आज जो कुछ हुआ है,वह बिहार के लोगों और बीजेपी के साथ धोखा है."
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