
बिहार अजब-गजब है. यहां अपराध का एक तरीका जैसे ही कुछ दिन पुराना होता है अपराधी नए तरीके इजात लेते हैं. ये तरीका पहले के तरीकों से इतना अलग होता है कि आम इंसान छोड़िए पुलिस को भी उसे समझने में समय लग जाए. इन दिनों बिहार के कटिहार में एक ऐसे ही तरीके का पुलिस ने खुलासा किया है. अपराधी अपने इस तरीके के तहत भोले भाले लोगों को बहला फुसलाकर उनसे उनका आधार कार्ड व उनके पहचान से जुड़ी अन्य जानकारियां लेते थे.

बाद में ये अपराधी इन लोगों के नाम पर ही बैंक में खाते खुलवाते थे. गांव के भोले भाले और मजदूरी का काम करने वालों को उनके आधार कार्ड व अन्य जानकारी देने के लिए ये अपराधी पांच से दस हजार रुपये तक देते थे. उन्हें बताया जाता था कि उनके कार्ड का इस्तेमाल सरकार की योजनाओं में किया जाएगा. बाद में ये अपराधी उन्हीं लोगों के नाम पर फर्जी बैंक खाता खुलवाकर उनमें ठगी के पैसे रखते थे.

बिहार की कटिहार पुलिस ने गरीब लोगों के नाम पर बैंक खाते खोलने और उन खातों में ठगी के पैसे जमा कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस को आरोपी के पास से 15 से ज्यादा पासबुक और 18 एटीएम कार्ड मिले हैं. पुलिस ने आरोपियों के पास से तीन मोबाइल फोन भी जब्त किया है. पुलिस की शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने बताया कि ये पूरा रैकेट पटना से संचालित किया जा रहा है.

कटिहार पुलिस के डीएसपी सद्दाम हुसैन ने बताया कि अभी तक की जांच में पता चला है कि ये आरोपी गरीब और मजदूरों के नाम पर बैंक खाता खुलवाकर उसे दूसरे बड़े अपराधियों को बेच देते थे. इसके बाद बड़े स्तर पर ठगी को अंजाम देने वाले गिरोह को ये बैंक खाते पासबुक और एटीएम समेत दे दिया जाता था. इसके लिए बड़ी रकम वसूली जाती थी. हमारी टीम इस गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों की भी तलाश करने में जुटी है. आरोपी ने पुलिस पूछताछ में बताया है कि इन बैंक खातों में वो ठगी और लूट के पैसे को जमा कराते थे.
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