बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा वोट हासिल करने के बावजूद तेजस्वी यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल सिर्फ 25 सीटें ही हासिल कर पाई. जबकि सिर्फ 20 फीसदी वोट हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी 89 सीटें जीत गई. यही नहीं 19.25 फीसदी वोट पाने वाली नीतीश कुमार की जदयू भी 85 सीटें जीत गई. बिहार विधानसभा में आरजेडी इस बार 144 सीटों पर लड़ रही थी. जबकि बीजेपी-जेडीयू 101-101 सीटों पर चुनाव मैदान में थे. चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), जीतन राम मांझी की हम और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा के साथ सामंजस्य बिठाने के लिए बीजेपी और जेडीयू ने अपनी-अपनी सीटें घटाईं. चिराग को 29, मांझी और कुशवाहा को 6-6 सीटें मिली थीं.
- 1.15 करोड़ से ज्यादा वोट मिले राजद को
- 1 करोड़ से कुछ ज्यादा वोट मिले बीजेपी को
- 96 लाख से कुछ ज्यादा वोट पाए कांग्रेस ने
बीजेपी का परफारमेंस सबसे बेहतर
बीजेपी और जदयू ने भले ही कम सीटों पर चुनाव इस बार लड़ा, लेकिन परफारमेंस सुधारते हुए अपने वोट का दायरा और बढ़ाया. बूथ प्रबंधन में माहिर बीजेपी और सरकार विरोधी नाराजगी को कम करने के लिए 10 हजार रुपये महिलाओं को देने जैसी योजनाओं से बाजी पलटती नजर आई. बीजेपी ने 101 में से 89 सीटें जीतीं यानी उसने 90 फीसदी सीटें जीत ली.
जेडीयू ने डबल कर लीं सीटें
चुनाव आयोग के अनुसार, बीजेपी का वोट 2020 के 19.46 फीसदी से बढ़कर इस बार 20.07 प्रतिशत हो गया है.भाजपा पिछली बार 110 सीटों के मुकाबले इस बार नौ सीटें कम यानी 101 पर चुनाव लड़ी थी.जेडीयू का वोट 2020 के 15.39 से बढ़कर 2025 में 19.26 प्रतिशत हो गया. जेडीयू ने 2020 में 115 सीट पर चुनाव लड़ा था. इस बार नीतीश कुमार की पार्टी ने 101 सीटों पर ही प्रत्याशी उतारे थे.

Bihar Vote Share
तेजस्वी यादव को 1.15 करोड़ वोट
जंगलराज का टैग हटाने के लिए तेजस्वी यादव ने इस बार चुनाव प्रचार की रणनीति बदली. पोस्टरों से लालू यादव गायब थे. पिछली बार 2020 में राजद का वोट 23.11 फीसदी था, जो इस बार मामूली तौर पर घटकर 23 प्रतिशत रहा. राजद को 1 करोड़ 15 लाख से ज्यादा वोट मिले, लेकिन सीटें सिर्फ 25 ही हाथ लगी. राजद ने इस बार सबसे ज्यादा 141 सीट पर उम्मीदवार दिए थे. पिछली बार राजद 144 सीट पर चुनाव लड़ी थी.
बिहार चुनाव में कमाल, 27 वोटों से जीत गया ये प्रत्याशी, इन 11 सीटों पर बेहद मामूली अंतर से हार जीत
चिराग को 5 फीसदी वोट
चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) बिहार चुनाव में सूरज की तरह चमकी. उसे करीब 5 फीसदी वोट मिला.उसे 2020 में 5.66 फीसदी वोट मिला था, लेकिन तब पार्टी से चाचा पशुपति पारस अलग नहीं हुए थे. तब एलजेपी 135 सीटों पर लड़ी थी जबकि इस बार उसने सीट पर प्रत्याशी उतारे.
कांग्रेस को सबसे सबसे ज्यादा नुकसान
महागठबंधन में कांग्रेस का वोट प्रतिशत वर्ष 2020 में 9.48 प्रतिशत था जो इस बार 2025 में कम होकर 8.72 फीसदी रह गया. कांग्रेस 2020 के विधानसभा चुनाव में 70 सीटों पर लड़ी थी. कांग्रेस ने 2025 में 61 सीट पर अपने प्रत्याशी खड़े किए. सात-आठ सीटों पर उसे अपने ही गठबंधन के दलों का सामना करना पड़ा. सीपीआई (एमएल) का वोट भी 3.16 से घटकर इस बार 2.84 फीसदी रह गया.
NDA को महिलाओं ने 200 पार कराया, पर बिहार चुनाव में जीतीं सिर्फ 28 महिला विधायक, देखें पूरी लिस्ट
ओवैसी ने दिखाई मुस्लिमों की ताकत
सीमांचल में फिर से असदुद्दीन ओवैसी ने जलवा दिखाया. एआईएमआईएम ने इस बार भी अकेले चुनाव लड़ा. 29 सीटों पर लड़ी पार्टी को करीब दो फीसदी वोट मिला. जबकि 2020 में उसका वोट 1.24 प्रतिशत ही रहा था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं