 
                                            - प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि मोकामा में मारे गए दुलारचंद यादव उनकी पार्टी के आधिकारिक सदस्य नहीं थे
- दुलारचंद यादव मोकामा के जनसुराज प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के समर्थन में थे, लेकिन पार्टी के सदस्य नहीं थे
- किशोर ने बिहार में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए जंगलराज की वापसी बताई
जनसुराज के नेता प्रशांत किशोर ने कहा कि है कि मोकामा में मारे गए दुलारचंद यादव उनकी पार्टी में आधिकारिक तौर पर नहीं थे. प्रशांत ने आज कहा कि देखिए जो खबरें आई हैं और जिन सज्जन की हत्या हुई है वो हमारी पार्टी के आधिकारिक सदस्य नहीं थे. उन्होंने कहा कि हां, ये जरूर था कि वो हमारे मोकामा के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के समर्थन में थे. गौरतलब है कि गुरुवार को मोकामा में यादव की हत्या कर दी गई थी. पुलिस मामले की जांच कर रही है. यहां से जेडीयू के बाहुबली अनंत सिंह और आरजेडी से बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी चुनाव लड़ रही हैं.
#WATCH | Muzaffarpur, Bihar: On the killing of Dularchand Yadav in Mokama, Jan Suraaj Founder Prashant Kishor says, "He isn't officially a member of Jan Suraaj. He was supporting Piyush Ji, the official Jan Suraaj candidate... Violence has no place in democracy. The murder of… pic.twitter.com/ZBY1HrOspr
— ANI (@ANI) October 31, 2025
प्रशांत ने साथ ही राज्य की कानून-व्यवस्था पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि ये हत्या दिखाता है कि जिस बिहार में जंगलराज की बात होती थी, बाहर बात होती थी कि चुनाव के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा होती है, ये हत्या उसी को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि चुनाव में मतभेद होना, आरोप-प्रत्यारोप लोकतंत्र का हिस्सा है. लेकिन किसी की हत्या हो जाना ये सही नहीं है. किशोर ने कहा कि वो आदमी सही है या गलत है, उसने क्या-क्या किया, वो बहस का मुद्दा हो सकता है लेकिन लोकतंत्र में हिंसा की जगह नहीं हो सकती है. उन्होंने कहा कि किसी की हत्या हो जाना ये तो शासन-प्रशासन और जो लोग यहां देखते हैं, उनकी जिम्मेदारी है. ये सीधा-सीधा उनकी असफलता है.
उन्होंने कहा कि मैं इस घटना के हवाले से मोकामा और पूरे बिहार की जनता से कहता हूं कि जनसुराज जो हमेशा से कहता आया है कि गलत के साथ रहिएगा तो गलत ही होगा. उन्होंने कहा कि बाहुबली किसी भी जाति का हो, किसी समाज का हो, आपके गांव का हो, आपकी विचारधारा का हो, जो गलत है गलत है. उन्होंने कहा कि मोकामा में ये दिख रहा है. दो बाहुबली अगर लड़ रहे हैं, उसमें जनसुराज का एक पढ़ा-लिखा यंग लड़का लड़ रहा है तो इतनी घबराहट है.
उन्होंने कहा कि बाहुबली बाहुबलियों से लड़ने में नहीं डरते हैं वो सिर्फ अच्छे लोगों से लड़ने से डरते हैं. किशोर ने कहा कि जनसुराज ने पूरा बिहार में ये विकल्प दिया है. बहुतेरे ऐसे क्षेत्रों में जहां से बालू माफिया, शराब माफिया चुनाव लड़ रहे हैं, उनके सामने स्वच्छ लोगों का एक विकल्प दिया गया है. उन्होंने कहा कि अब ये बिहार की जनता पर है कि वो स्वच्छ लोगों को चुनती है या फिर वो पुराने भ्रष्टाचारियों और बाहुबलियों को चुनती है.
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