- वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता के कानून को तेजस्वी यादव ने सत्ता में आने पर फाड़कर फेंकने की बात कही है
- कई मुस्लिमों का कहना है कि वो आजादी से पहले से रह रहे हैं, अब वक्फ बोर्ड घर खाली करने के लिए कह रहा है
- कई परिवारों का आरोप है कि वक्फ बोर्ड माफियाओं-बिल्डरों से मिलकर उनकी जमीनें जबरन खाली करा रहा है
सरकार ने वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता लाने के लिए वक्फ कानून बनाया है. लेकिन महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने वादा किया है कि वह सत्ता में आए तो इस कानून को फाड़कर फेंक देंगे. लेकिन NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट बताती है कि यह कानून किस तरह उन गरीब मुस्लिम परिवारों के लिए राहत बनकर आया है, जो खुद को वक्फ बोर्ड की मनमानी का शिकार बताते हैं. एनडीटीवी के सामने कई लोगों ने वक्फ पर माफिया और बिल्डरों से मिलीभगत करके गरीबों की जमीनें छीनने के आरोप लगाए.
तेजस्वी के वक्फ कानून फाड़ने का दिया बयान
खुद को मुसलमानों का हितैषी बताने वाली आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव के वक्फ संशोधन कानून को कूड़ेदान में डालने के बयान ने उन लोगों की चिंता बढ़ा दी है, जो इस कानून को पारदर्शिता और सुरक्षा की उम्मीद मानते हैं. तेजस्वी के बयान से एक नहीं, बल्कि अनेकों मुसलमानों में डर फैला हुआ है.
'गरीबों की जमीन छीनकर माफिया को बेचने की तैयारी'
एनडीटीवी की टीम मुजफ्फरपुर पहुंची, जहां के मुस्लिम इलाकों में तमाम परिवार अपनी पुश्तैनी जमीन को वक्फ बोर्ड से बचाने की जंग लड़ रहे हैं. उनमें सबसे बड़ा डर यही है कि उनकी जमीनों को बरसों से गिद्ध की तरह नजर गड़ाए बैठे माफिया को बेचा जा सकता है. कई मुस्लिम परिवारों का कहना है कि वे आजादी से पहले से वक्फ जमीन पर रह रहे हैं लेकिन अब वक्फ बोर्ड उन्हें नोटिस भेजकर घर खाली करने के लिए कह रहा है. लोगों का कहना है कि वे इतनी गरीब हैं कि पेट भरने के लिए खाना तक नहीं है. उन्हें खाली पेट सोना पड़ता है. लोगों का आरोप है कि वक्फ बोर्ड माफियाओं और बिल्डरों से मिला हुआ है और उनकी जमीनें बेचने की तैयारी चल रही है.
1930 से रह रहे, अब वक्फ से बेदखली का डर
मौलाना काजिम शबीब का कहना था कि वक्फ लंबे समय से हमारा शोषण कर रहा है. नए कानून से पारदर्शिता की उम्मीद जगी है. तेजस्वी ऐसा कैसे कह सकते हैं, क्या हम तानाशाही में जी रहे हैं? तेजस्वी को आकर देखना चाहिए कि वक्फ किस तरह गुंडों को बचा रहा है. वह गुंडों और माफियाओं को बचाना क्यों चाहते हैं?
नए वक्फ कानून से पीड़ितों को आस
इसके बाद एनडीटीवी की टीम सिकंदर अली से मिली, जो एक कमरे की टूटी-फूटी झुग्गी में पत्नी और पांच बच्चों के साथ रहते हैं. उनका कहना था कि हमारे पास खाने को नहीं है, हम बच्चों को स्कूल तक नहीं भेज पा रहे हैं, फिर हम जमीन कैसे कब्जा करेंगे? वक्फ हमें नोटिस भेज रहा है कि घर खाली करो. हम कहां जाएं? उन्होंने कहा कि वक्फ तो गरीबों की मदद के लिए बनाया जाता है, लेकिन वो अपनी जेबें भरने के लिए हमें मरने के लिए बाहर निकाल रहे हैं. इसमें कोई दोराय नहीं है कि नया वक्फ कानून एक अच्छा कानून है और ये हमारी मदद कर सकता है.
वक्फ बोर्ड ने आरोपों को गलत बताया
जब एनडीटीवी ने इन आरोपों को लेकर मीर हसन वक्फ स्टेट के मुतवल्ली सैयद अतहर मेहदी से बात की तो उन्होंने सारे आरोपों को झूठा बताया. उन्होंने दावा किया कि लोगों ने जमीन पर कब्जा कर रखा है. हमने उन्हें नोटिस भेजे हैं, उन्हें जमीन खाली करनी होगी. जैसे आरोप लगाए जा रहे हैं, वैसा कुछ नहीं है.
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