- RJD ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त तीन नेताओं को छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित किया है.
- सीताराम यादव और उनके पुत्र राकेश रंजन, राजेश कुमार के खिलाफ पार्टी ने अनुशासनहीनता का आरोप लगाया है.
- सीताराम यादव के पुत्र राकेश रंजन ने निर्दलीय उम्मीदवार बनकर राजद के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार किया था.
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने पर तीन नेताओं को 6 वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया. पार्टी की ओर से पूर्व विधायक सीताराम यादव, उनके पुत्र राकेश रंजन उर्फ विमल यादव और बड़े पुत्र राजेश कुमार यादव के खिलाफ कार्रवाई की गई है. पार्टी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यह कार्रवाई राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशानुसार की गई है.
सीताराम यादव को आरजेडी ने नहीं दिया टिकट
आदेश के अनुसार सीताराम यादव को 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में खजौली विधानसभा क्षेत्र (क्रमांक-33) से राजद का अधिकृत उम्मीदवार बनाया गया था, जिसमें वे विजयी हुए और 2015 से 2020 तक विधायक रहे. 2020 के चुनाव में भी पार्टी ने उन्हें उसी क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वह हार गए. इसके बाद विधानसभा चुनाव 2025 के लिए जब राजद ने खजौली सीट से ब्रजकिशोर यादव को अपना अधिकृत प्रत्याशी बनाया, तब से सीताराम यादव पार्टी निर्णय से असंतुष्ट बताए गए.
पार्टी ने आदेश जारी कर क्या कहा?
आदेश में उल्लेख है कि उन्होंने इस बार अपने पुत्र राकेश रंजन उर्फ विमल यादव को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतार दिया और बड़े पुत्र राजेश कुमार के साथ मिलकर पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं. राजद ने कहा है कि प्रचार के दौरान तीनों ने पार्टी और उसके प्रत्याशी के खिलाफ भ्रामक प्रचार करने के साथ-साथ असंसदीय भाषा का भी प्रयोग किया.
पार्टी ने आगे कहा कि उन्हें कई बार समझाया गया कि वे अपने पुत्र की उम्मीदवारी वापस लें और राजद के अधिकृत प्रत्याशी का समर्थन करें, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया. पार्टी ने इसे राजद को नुकसान पहुंचाने और उसके खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने की सुनियोजित साजिश बताया है.
राजद ने स्पष्ट किया है कि यह मामला पार्टी अनुशासन का घोर उल्लंघन है, इसलिए विवश होकर संगठन ने सीताराम यादव, उनके उम्मीदवार पुत्र राकेश रंजन उर्फ विमल यादव और बड़े बेटे राजेश कुमार यादव को तत्काल प्रभाव से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्षों के लिए निष्कासित करने का निर्णय लिया है.
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच आरजेडी ने अपने 30 से अधिक नेताओं को पार्टी से बाहर कर दिया है. आरजेडी का कहना है कि ये सभी नेता पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे. इसीलिए इन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया है.
आरजेडी के कई नेता बिहार चुनाव में टिकट न मिलने के कारण बागी हो गए हैं. कुछ ने पाला बदलकर विपक्षी को समर्थन देने का भी ऐलान कर दिया है. ऐसे नेताओं की संख्या काफी ज्यादा है. आरजेडी ने अब ऐसे बागियों पर नकेल कसनी शुरू कर दी है. पार्टी ने बयान जारी कर कहा है कि जिन 27 नेताओं को पार्टी से 6 वर्ष के लिए निष्कासित किया गया है, वह सभी राजद के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ चुनावी अभियान में संलिप्त हैं. इनमें से कुछ उम्मीदवार निर्दलीय भी चुनावी मैदान में उतरे हैं.
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