
- बिहार विधानसभा सत्र की शुरुआत हंगामे के साथ हुई जिसमें विधायक भाई विरेंद्र के एक शब्द को लेकर विवाद हुआ.
- सत्ता पक्ष के विधायकों ने माफी मांगने के नारे लगाए और विपक्ष के तेजस्वी यादव के भाषण के दौरान हंगामा बढ़ा.
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष पर हमला करते हुए महिलाओं और मुस्लिमों के लिए आरक्षण देने का दावा किया.
बिहार विधानसभा सत्र की बुधवार को शुरुआत हंगामे के साथ हुई. उम्मीद थी कि इस खास मौके पर विपक्ष सत्ता पक्ष से वोटर लिस्ट समेत तमाम मुद्दों पर सवाल पूछेगा लेकिन इससे पहले की सवाल जवाब का दौर शुरू हो पाता, हंगामा हो गया. बताया जा रहा है कि ये पूरा हंगामा विधायक भाई विरेंद्र के सदन में एक शब्द कहने को लेकर हुआ है. उनके उस एक शब्द को सुनते ही सत्ता पक्ष के विधायक मांफी मांगिए... माफी मांगिए के नारे लगाने लगे. ये सब सदन में तेजस्वी यादव के बोलने से ठीक पहले शुरू हुआ. इसके बाद तेजस्वी यादव बोलने के लिए खड़े हुए लेकिन इससे पहले की वह अपना भाषण खत्म कर पाते हंगामा फिर बढ़ने लगा. ऐसे में वो बीच में ही रुक गए.

नेताओं की मांफी मांगने की मांग के बीच हंगामा जब और बढ़ने लगा तो सदन में मौजूद सीएम नीतीश कुमार खड़े हुए और उन्होंने विपक्षी विधायकों और नेता विपक्ष तेजस्वी यादव पर हमला शुरू कर दिया. नीतीश कुमार ने कहा भाई वीरेंद्र की तरफ इशारा करते हुए कहा कि अरे क्या बोल रहे हो भाई. काहे तुम बोल रहे हो. नीतीश कुमार ने आगे कहा कि यहां बेवजह का हंगामा कर रहे हैं. चुनाव लड़िए, चुनाव लड़ने में अंड बंड जितना बोलना हो बोलिए.पहले कोई महिला को कुछ दिया था. अरे हमने ही 50 पर्सेंट किया. इसकी माता थी तो उसी पर तो नहीं बोल रहे हो. हमने महिलाओं के लिए 50 पर्सेंट शुरू किया. 2006 से ही. आपने मुस्लिम के लिए किया. उनके लिए भी सारा काम हमने किया.

नीतीश कुमार ने आगे कहा कि उन्होंने जमकर लालू यादव राज पर हमला करना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि 2005 से पहले बिहार में कुछ नहीं था. महिलाओं को आरक्षण हमने दिया. आप लोगों ने किसी के लिए कुछ नहीं किया. हम आप लोगों के साथ कुछ दिन के लिए गए जरूर थे लेकिन फिर आप लोग नहीं ठीक से काम किए तो वापस आ गए. आप लोग चुनाव में जाइये. देश की जनता जिसे चाहेगी उसे मौका देगी.

तेजस्वी यादव ने सदन में जारी हंगामे के बीच कहा कि SIR पर अपनी बात रखने के लिए सभी दलों को मौका मिलना चाहिए. लालू जी कहते हैं कि वोट की चोट लोकतंत्र का अधिकार है. हमारा एतराज SIR पर नहीं लेकिन चुनाव आयोग को निष्पक्ष होकर काम करना चाहिए. चुनाव आयोग ने अब तक प्रेस कॉन्फ्रेंस तक नहीं की है. जिन वोटर्स ने पिछले बिहार चुनाव में वोट दिया था क्या वे फर्जी थे? इसका मतलब तो ये हुआ कि नीतीश कुमार जी फर्जी तरीके से मुख्यमंत्री बने हैं?
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