शौचालय (फाइल फोटो)
पटना:
बिहार में एक बार फिर से शौचालय के नाम पर सरकारी पैसे की बंदरबांट का मामला सामने आया है. बिहार के पटना में शौचालय बनाने के नाम पर सरकारी राशि गबन के मामले में विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने बुधवार को पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने यहां बुधवार को पत्रकारों को बताया कि एक स्वयंसेवी संस्था की अध्यक्ष बॉबी देवी सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि इस संस्था के खाते में बड़ी रकम भेजी गई है.
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उन्होंने कहा कि इस मामले में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. अभी भी इस मामले की जांच चल रही है और कई लोग अभी संदेह के घेरे में हैं. इस मामले में सबसे पहले बक्सर जिले के एक बैंक प्रबंधक को गिरफ्तार किया गया था.
बता दें कि वित्तीय वर्ष 2012-13, 2013-14 और 2014-15 में शौचालय बनाने की राशि लाभुकों के बजाय सीधे स्वयंसेवी संस्थाओं के खाते में ट्रांसफर कर दी गई थी. पटना के जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने विभागीय समीक्षा के दौरान यह वित्तीय गड़बड़ी पकड़ी थी.
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इसके बाद पटना के गांधी मैदान थाने में इस मामले की प्राथमिकी दर्ज कराई गई और पूरे मामले में एसआईटी का गठन किया गया. इस मामले को लेकर विपक्ष सरकार पर लगातार निशना साध रही है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने यहां बुधवार को पत्रकारों को बताया कि एक स्वयंसेवी संस्था की अध्यक्ष बॉबी देवी सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि इस संस्था के खाते में बड़ी रकम भेजी गई है.
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उन्होंने कहा कि इस मामले में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. अभी भी इस मामले की जांच चल रही है और कई लोग अभी संदेह के घेरे में हैं. इस मामले में सबसे पहले बक्सर जिले के एक बैंक प्रबंधक को गिरफ्तार किया गया था.
बता दें कि वित्तीय वर्ष 2012-13, 2013-14 और 2014-15 में शौचालय बनाने की राशि लाभुकों के बजाय सीधे स्वयंसेवी संस्थाओं के खाते में ट्रांसफर कर दी गई थी. पटना के जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने विभागीय समीक्षा के दौरान यह वित्तीय गड़बड़ी पकड़ी थी.
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इसके बाद पटना के गांधी मैदान थाने में इस मामले की प्राथमिकी दर्ज कराई गई और पूरे मामले में एसआईटी का गठन किया गया. इस मामले को लेकर विपक्ष सरकार पर लगातार निशना साध रही है.
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