
- बिहार के सीमांचल इलाके में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आरजेडी पर चुनावी सीटों को लेकर तीखा विरोध जताया है
- ओवैसी ने महागठबंधन से छह सीटों की मांग की थी, लेकिन आरजेडी ने इसे स्वीकार करने से इनकार किया था
- ओवैसी ने कहा कि सीमांचल के युवाओं को भी मुख्यमंत्री बनने का मौका मिलना चाहिए, तेजस्वी पर तंज कसा
बिहार में चुनाव की घोषणा से पहले सभी दलों का मैदान-ए-जंग बना चुका है राज्य का सीमांचल इलाका. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी इस पूरे क्षेत्र में खुद ही मोर्चा संभाले हुए हैं. उन्होंने अपने चुनाव प्रचार में मुख्य रूप से आरजेडी पर खूब निशाना साधा है. ओवैसी ने कहा कि उन्होंने आरजेडी से केवल 6 सीटें मांगी थी लेकिन वो इसके लिए भी तैयार नहीं है. ओवैसी ने एनडीटीवी से खास बातचीत करते हुए आरजेडी पर तंज कसते हुए कहा था कि जब हम सीमांचल में पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे तो कोई ये न बोले कि मम्मी-मम्मी हमसे चॉकलेट छीन ली.
चॉकलेट छीनने उतरे ओवैसी
ओवैसी ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा था कि हमारे बिहार के चीफ अख्तर उल ईमान ने काफी कोशिश की थी. मैंने भी उन्हें कहा था कि पूरी कोशिश कर लीजिए अगर वो राजी हो जाएं तो हम भी राजी हैं. ओवैसी ने कहा कि हम भी नहीं चाहते कि बीजेपी या एनडीए सरकार दोबारा से राज्य में बने. पर वो मानने को तैयार नहीं हैं. ओवैसी ने तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब तेजस्वी सीएम बनने का सपना देख सकते हैं तो सीमांचल का कोई युवा सीएम क्यों नहीं बन सकता है?
गौतलब है कि ओवैसी ने बिहार में महागठबंधन से 6 सीटों की मांग की थी. लेकिन आरजेडी ने इससे साफ इनकार कर दिया था. 2020 के चुनाव में ओवैसी ने सीमांचल में 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इस बार भी पार्टी ने महागठबंधन से 6 सीटों की ही मांग की थी. ओवैसी ने कहा कि हमने तो दो विधानसभा सीटों बहादुरगंज और ढाका में तो कैंडिडेट का ऐलान कर चुके हैं. वो कैंडिडेट वहां मेहनत भी कर रहे हैं. इसके अलावा हम दूसरी जगह भी पर कैंडिडेट खड़ा करेंगे. ओवैसी ने कहा कि अब तो सब उनको ही सोचना होगा, हमारी तैयारी चल रही है और हम और तेजी से प्रचार करेंगे. उन्होंन कहा था कि हमारे कैंडिडेट जीतकर आएंगे और हम उम्मीद करते हैं कि वो इस बार पार्टी में भी बन रहेंगे.
सीमांचल में ओवैसी की पार्टी का प्रभाव
उल्लेखनीय है कि सीमांचल इलाके में ओवैसी की पार्टी का 2020 में अच्छा असर रहा था. इस इलाके की 5 सीटों अमौर, बहादुरगंज, बायसी, जोकीहाट और कोचाधामन पर ओवैसी की पार्टी को जीत मिली थी. 2015 के चुनाव में महागठबंधन ने ये सभी 5 सीटें जीती थीं. सीमांचल में चार जिले आते हैं कटिहार, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज. इन चार जिलों में कुल 24 विधानसभा की सीटें हैं. अगर ऐसे में ओवैसी 2020 का प्रदर्शन यहां फिर से दोहरा देते हैं तो निश्चित तौर पर महागठबंधन को झटका लगेगा
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