बिहार (Bihar) में अगर दलित की हत्या होती है तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने उसके परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने का नियम बनाने के लिए आदेश दिया है. विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इस आदेश पर सवाल खड़ा किया है. आरजेडी ने कहा है कि नीतीश कुमार को हत्या रोकने के उपाय करने चाहिए. आरजेडी ने यह भी कहा है और पिछड़ी जाति, अति पिछड़ी जाति या अगड़ी जाति के किसी व्यक्ति की हत्या होती है तो उसके परिवार के किसी सदस्य को नौकरी क्यों नहीं मिलेगी?
आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने शनिवार को अपने पार्टी के बेरोज़गारी से सम्बंधित पोर्टल के लॉन्च में सवालों के जवाब में कहा कि हत्या के बाद रोज़गार देना किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता. लेकिन मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें ऐसे प्रयास करने चाहिए और कदम उठाने चाहिए जिससे दलितों की हत्या न हो. वहीं उनकी पार्टी के विधायक शिवचंद्र राम ने ट्वीट कर कहा कि
दलितों के हत्यारे को बाइज्जत बरी करेंगे और दलित के हाथ में नौकरी का झुनझुना देंगे- नीतीश कुमार
— Shiv Chandra Ram Chamar (@ShivChandraRamm) September 5, 2020
नीतीश कुमार ऐसे CM है जो दलितों की हत्या और बलि को बढ़ावा दे रहे है।SC/ST ऐक्ट मुद्दे पर जिसके मुँह में दही जमा था, जो आरक्षण खा गया वह अब चुनाव में हार देख दलितों को मुर्ख बना रहा है।
इस बीच नीतीश कुमार के इस कदम को सही करार देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और अब जनता दल यूनाइटेड के सहयोगी जीतन राम मांझी ने कहा कि ये सब 1989 के अनुसूचित जाति, जनजाति अधिनियम के तहत है, जिसमें पेंशन देने का भी प्रावधान है. मांझी के अनुसार इस मुद्दे पर बवाल बेकार में खड़ा किया जा रहा है.
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