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This Article is From Mar 27, 2017

पटना से एक साल के भीतर 656 बच्चे हुए लापता, सरकार चलाएगी विशेष अभियान

पटना से एक साल के भीतर 656 बच्चे हुए लापता, सरकार चलाएगी विशेष अभियान
बिहार में मानव तस्करी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, खासकर बच्चों की तस्करी के मामले में (प्रतीकात्मक चित्र)
पटना: बिहार में मानव तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है. मानव तस्करी में बच्चों का व्यापार सबसे ज्यादा हो रहा है. अकेले पटना से बीते एक साल में 656 बच्चे लापता हुए हैं. राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर चिंता जाहिर की है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजधानी पटना से पिछले साल 656 बच्चों के लापता होने पर चिंता जताते हुए कहा कि इसको लेकर एक विशेष अभियान चलाया जाएगा.

बिहार विधान सभा में बीजेपी सदस्य नंदकिशोर यादव द्वारा पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए गृह विभाग के प्रभारी मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि पटना से पिछले साल लापता हुए 656 बच्चों में से 433 बरामद कर लिए गए जबकि 213 के बारे में अब भी पता नहीं चल पाया है. उन्होंने कहा कि अब तक बरामद नहीं हुए बच्चों को लेकर त्वरित कार्रवाई के लिए प्रत्येक थाना में एक नोडल अधिकारी बनाया गया है.

बिजेंद्र ने बताया कि बच्चों के लापता होने के कई कारण जिनमें पढ़ाई के लिए डांटे जाने पर घर से भाग जाना सहित अन्य कारण शामिल हैं.

बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि कई लापता बच्चे बड़े हैं और उन्हें जबरन ले जाने पर वे हंगामा कर सकते थे जिससे यह प्रतीत होता है कि वे उनमें कई व्यक्तिगत कारणों से लापता हैं. यह पूछे जाने पर क्या लापता बच्चों का संबंध मानव तस्करी से है अथवा गलत कार्य करवाने वालों द्वारा उन्हें पकड़ लिया गया है तो मंत्री ने कहा कि उनके पास मानव तस्करी से संबंधित जानकारी उपलब्ध नहीं है लेकिन लापता हुए बाकी बच्चों की शीघ्र बरामदगी के लिए प्रयास तेज किए जाएंगे.

(इनपुट भाषा से भी)

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