नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
पटना:
बिहार विधानसभा चुनाव में महाजीत के बाद महागठबंधन के नेता नीतीश कुमार 20 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा विरोधी पार्टियों के प्रमुख नेता और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। नीतीश की पार्टी जनता दल युनाइटेड के एक नेता की माने तो शपथ ग्रहण समारोह विशाल गांधी मैदान में आयोजित होगा।
समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित कई बड़े नेता शामिल होंगे। इनके अलावा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के भी समारोह में शामिल होने की संभावना है।
जदयू के प्रवक्ता अजय आलोक ने गुरुवार को बताया कि समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री एच़ डी़ देवगौड़ा, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और हेमंत सोरेन तथा इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के नेता अभय चौटाला को भी शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा विरोधी सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित करने का फैसला लिया गया है।
इस समारोह में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद और जदयू अध्यक्ष शरद यादव बतौर मुख्य अतिथि शामिल रहेंगे। इस बीच पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी की जा रही है। इसी मैदान में नीतीश ने 15 फरवरी, 2013 को महात्मा गांधी की 70 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया था।
यह राष्ट्रपिता की सबसे ऊंची प्रतिमा मानी जाती है। बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में राजद, जदयू और कांग्रेस के महागठबंधन को राज्य की जनता ने 178 सीटें दी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़े भाजपा गठबंधन 'राजग' को मात्र 58 सीटों से संतोष करना पड़ा। जदयू नेताओं के अनुसार, मंत्रिपरिषद में पांच विधायकों पर एक मंत्री चुना जाएगा।
इस फॉर्मूले के तहत 80 सीटें पाने वाले राजद के 16 मंत्री बनेंगे, 71 सीटें पाने वाले जदयू के 15 विधायक मंत्री पद पाएंगे और 27 सीटें पाने वाली कांग्रेस के पांच विधायक मंत्री बनेंगे। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार का कार्यकाल 29 नवंबर तक है, इसलिए विजेता महागठबंधन ने जल्दबाजी न दिखाते हुए छठ महापर्व मनाने के बाद नई सरकार के गठन का फैसला लिया है।
समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित कई बड़े नेता शामिल होंगे। इनके अलावा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के भी समारोह में शामिल होने की संभावना है।
जदयू के प्रवक्ता अजय आलोक ने गुरुवार को बताया कि समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री एच़ डी़ देवगौड़ा, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और हेमंत सोरेन तथा इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के नेता अभय चौटाला को भी शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा विरोधी सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित करने का फैसला लिया गया है।
इस समारोह में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद और जदयू अध्यक्ष शरद यादव बतौर मुख्य अतिथि शामिल रहेंगे। इस बीच पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी की जा रही है। इसी मैदान में नीतीश ने 15 फरवरी, 2013 को महात्मा गांधी की 70 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया था।
यह राष्ट्रपिता की सबसे ऊंची प्रतिमा मानी जाती है। बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में राजद, जदयू और कांग्रेस के महागठबंधन को राज्य की जनता ने 178 सीटें दी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़े भाजपा गठबंधन 'राजग' को मात्र 58 सीटों से संतोष करना पड़ा। जदयू नेताओं के अनुसार, मंत्रिपरिषद में पांच विधायकों पर एक मंत्री चुना जाएगा।
इस फॉर्मूले के तहत 80 सीटें पाने वाले राजद के 16 मंत्री बनेंगे, 71 सीटें पाने वाले जदयू के 15 विधायक मंत्री पद पाएंगे और 27 सीटें पाने वाली कांग्रेस के पांच विधायक मंत्री बनेंगे। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार का कार्यकाल 29 नवंबर तक है, इसलिए विजेता महागठबंधन ने जल्दबाजी न दिखाते हुए छठ महापर्व मनाने के बाद नई सरकार के गठन का फैसला लिया है।
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