कर्नाटक में झीलों के विकास के लिए कर लगाया जाएगा.
बेंगलुरु:
बेंगलुरु सहित कर्नाटक के उन सभी शहरों में जो नगरपालिका के तहत आते हैं, अब नए मकान का नक्शा पास करवाते वक्त 25 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से लेक डेवलपमेंट सेस देना होगा. वहीं गैर नगर पालिका इलाकों में भी लेक डेवलपमेंट फीस देना होगी लेकिन वहां इसकी दर 20 रुपये प्रति वर्ग मीटर होगी.
बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका के आयुक्त मंजुनाथ प्रसाद ने बताया कि सिर्फ बेंगलुरु शहर में 170 झीलें हैं जिनकी देखरेख पर हर साल 100 करोड़ रुपये का खर्च आता है. शहर की आबादी तेज़ी से बढ़ रही है और बुनियादी अधोसंरचना की कमी की वजह से प्रदूषण का स्तर भी इन झीलों में काफी बढ़ा है. ऐसे में इन झीलों का समुचित रखरखाव नहीं हो पा रहा है. नतीजा यह है कि कभी बेलंदूर लेक में प्रदूषण की वजह से आग लगती है तो कभी यमलूर लेक में जहरीला झाग इतना बनता है कि सड़कों पर बर्फ जैसी परत जम जाती है. हालांकि इसके लिए झीलों की जमीन पर अतिक्रमण भी जिम्मेदार है.
शहर की सबसे खूबसूरत झीलों में से एक अलसूर में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ा कि कुछ दिन पहले लाखों की तादाद में मछलियां मर गईं थीं. हाल ही में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बेंगलुरु के दो बिल्डरों पर लगभग 130 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.
बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका के आयुक्त मंजुनाथ प्रसाद ने बताया कि सिर्फ बेंगलुरु शहर में 170 झीलें हैं जिनकी देखरेख पर हर साल 100 करोड़ रुपये का खर्च आता है. शहर की आबादी तेज़ी से बढ़ रही है और बुनियादी अधोसंरचना की कमी की वजह से प्रदूषण का स्तर भी इन झीलों में काफी बढ़ा है. ऐसे में इन झीलों का समुचित रखरखाव नहीं हो पा रहा है. नतीजा यह है कि कभी बेलंदूर लेक में प्रदूषण की वजह से आग लगती है तो कभी यमलूर लेक में जहरीला झाग इतना बनता है कि सड़कों पर बर्फ जैसी परत जम जाती है. हालांकि इसके लिए झीलों की जमीन पर अतिक्रमण भी जिम्मेदार है.
शहर की सबसे खूबसूरत झीलों में से एक अलसूर में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ा कि कुछ दिन पहले लाखों की तादाद में मछलियां मर गईं थीं. हाल ही में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बेंगलुरु के दो बिल्डरों पर लगभग 130 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.
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