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बेंगलुरु : अपार्टमेंट के टैंक में मानव कंकाल मिलने से मचा हड़कंप, अवशेषों को जांच के लिए FSL भेजा गया

बरामद अवशेषों को जांच के लिए फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) भेजा गया है. एक जांच अधिकारी ने NDTV को बताया कि जब तक FSL रिपोर्ट नहीं आ जाती, हम कुछ नहीं कह सकते. यानी अब जांच की दिशा इस रिपोर्ट पर निर्भर है.

बेंगलुरु : अपार्टमेंट के टैंक में मानव कंकाल मिलने से मचा हड़कंप, अवशेषों को जांच के लिए FSL भेजा गया

बेंगलुरु के घनी आबादी वाले बेगूर इलाके में उस वक्त सनसनी फैल गई, जब एक अपार्टमेंट के परकोलेशन टैंक की सफाई के दौरान मानव कंकाल के अवशेष बरामद हुए. अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि ये कंकाल किसका है और यहां तक कैसे पहुंचा?

किसी गहरे राज की परत खुलने वाली है?
घटना 16 जून की सुबह की है. एमएन क्रेडेन्स फ्लोरा अपार्टमेंट, जिसमें 48 फ्लैट्स हैं, वहां पर पिछले कुछ दिनों से जल निकासी में दिक्कत आ रही थी. इसी वजह से एसोसिएशन ने परकोलेशन टैंकों की सफाई कराने का फैसला किया. परिसर में कुल 16 टैंक हैं, जिनमें से एक जो पार्किंग के पास स्थित है. यहां सफाई के दौरान मजदूरों को कुछ असामान्य चीज़ें दिखाई दीं. जब मजदूरों ने हड्डियों के टुकड़े और एक खोपड़ी के टुकड़े देखे तो उन्होंने तुरंत इसकी जानकारी अपार्टमेंट रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को दी. इसके बाद एसोसिएशन के अध्यक्ष स्कारिया जॉन ने फौरन पुलिस को सूचित किया.

उन्होंने मुझे बताया कि सुबह करीब 9:30 बजे, फ्लैट नंबर 221 और 321 के पास सफाई हो रही थी, तभी मजदूरों ने खोपड़ी और कुछ हड्डियां देखीं.

बेंगलुरु पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए भारतीय नागरिका सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 की धारा 194(3)(iv) के तहत अननेचुरल डेथ (UDR) का केस दर्ज कर लिया है.

कंकाल कितना पुराना है? फॉरेंसिक रिपोर्ट जांच में होगा खुलासा

बरामद अवशेषों को जांच के लिए फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) भेजा गया है. एक जांच अधिकारी ने NDTV को बताया कि जब तक FSL रिपोर्ट नहीं आ जाती, हम कुछ नहीं कह सकते. यानी अब जांच की दिशा इस रिपोर्ट पर निर्भर है.

क्या अपार्टमेंट पुराने कब्रिस्तान की जमीन पर बना है?
स्थानीय निवासियों में ये चर्चा भी तेज हो गई है कि जिस जमीन पर ये अपार्टमेंट बना है, उसके एक हिस्से पर  पहले कब्रिस्तान हुआ करता था. चूंकि यह बिल्डिंग करीब 12 साल पुरानी है, कुछ लोगों का मानना है कि ये अवशेष शायद जमीन के नीचे दबी पुरानी कब्रों से आए हों, जो समय के साथ परकोलेशन पिट में घुस आए हों.

अब सवाल सिर्फ इतना नहीं है कि ये कंकाल किसका है, बल्कि ये भी है कि अगर यह कोई पुराना दफन अवशेष है तो उसकी पुष्टि कैसे होगी और अगर यह किसी क्राइम का हिस्सा है, तो क्या इसका कोई गवाह या सुराग मिलेगा?

बेंगलुरु पुलिस की टीम पूरे मामले की तहकीकात कर रही है. लेकिन अब सबकी निगाहें FSL रिपोर्ट पर टिकी हैं. क्योंकि वहीं तय करेगी कि यह मामला भूले-बिसरे इतिहास का एक हिस्सा है, या कोई अनसुलझा अपराधं.

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